Move to Jagran APP

आतंकियों की इंटरनेट पर फैलाई जा रही हिंसा पर लगेगी लगाम, पचास देशों के अभियान में अमेरिका भी हुआ शामिल

इस मुहिम की पहल न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री अर्डर्न ने की थी। 2019 में न्यूजीलैंड के क्राइस्ट चर्च की दो मस्जिदों पर हमला कर 49 लोगों की हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने घटना को अंजाम देने के साथ ही इसकी लाइव स्ट्रीमिंग अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर की थी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 04:55 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 04:55 PM (IST)
इंटरनेट की दिग्गज टेक कंपनियां भी दे रही हैं साथ

वेलिंगटन, एपी। लंबे समय से आतंकवादी इंटरनेट को हथियार बनाकर हिंसा फैलाने मुहिम चला रहे हैं। न्यूजीलैंड और फ्रांस ने इसके खिलाफ 'क्राइस्टचर्च कॉल' अभियान शुरू किया। अब इसमें दुनियाभर के देश शामिल हो रहे हैं। अमेरिका भी इसमें आधिकारिक रूप से शामिल हो गया है। अभियान में अब तक पचास देश और विश्व की अधिकांश दिग्गज टेक कंपनी जुड़ चुकी हैं। इस संबंध में शनिवार को एक वर्चुअल बैठक हुई। इसमें कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

loksabha election banner

इस मुहिम की पहल न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने की थी। 2019 में न्यूजीलैंड के क्राइस्ट चर्च की दो मस्जिदों पर हमला कर 49 लोगों की हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने घटना को अंजाम देने के साथ ही इसकी लाइव स्ट्रीमिंग अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर की थी। दुनियाभर में इस घटना के वीडियो वायरल होने लगे। फ्रांस में ऐसी घटनाओं के बाद भी इंटरनेट प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया गया। फ्रांस भी 'क्राइस्ट चर्च कॉल' अभियान से जुड़ गया। मकसद आतंकियों की इंटरनेट के माध्यम से फैलाई जा रही हिंसा को रोकना है।

ब्रिटेन में तीन लाख से ज्यादा आतंकियों से संबंधित सामग्री इंटरनेट से हटाई गई

'क्राइस्टचर्च कॉल' से अब तक पचास देशों के साथ गूगल, ट्विटर, फेसबुक और अमेजन जैसी कई दिग्गज कंपनियां भी जुड़ गई हैं। वर्चुअल मीटिंग में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पूर्व में रिकार्ड किए वीडियो में कहा कि उनके यहां तीन लाख से भी ज्यादा आतंकियों से संबंधित सामग्री इंटरनेट से हटाई गई हैं। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कहा कि दो साल के बाद अब क्राइस्ट चर्च कॉल मुहिम रंग ला रही है। हालांकि अमेरिका अब आधिकारिक रूप से इस अभियान से जुड़ा है, लेकिन दो साल से बराबर सहयोग मिल रहा था।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बरकरार रखते हुए इटंरनेट पर आतंकी गतिविधियों को रोका जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.