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अफगानिस्‍तान: राष्‍ट्रपति चुनाव में 'तालिबान' का ग्रहण, भय से नहीं निकले लोग

कम मतदान की बड़ी वजह तालिबान को माना जा रहा है। आशंका जाहिर की जा रही है कि लोग तालिबान के डर के कारण घर से नहीं निकले।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 09:26 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 02:48 PM (IST)
अफगानिस्‍तान: राष्‍ट्रपति चुनाव में 'तालिबान' का ग्रहण, भय से नहीं निकले लोग
अफगानिस्‍तान: राष्‍ट्रपति चुनाव में 'तालिबान' का ग्रहण, भय से नहीं निकले लोग

काबुल, एजेंसी। अफगानिस्‍तान में हुए राष्‍ट्रपति चुनाव में महज 20 फीसदी मतदान ही हुआ। कम मतदान की बड़ी वजह तालिबान को माना जा रहा है। आशंका जाहिर की जा रही है कि तालिबान के डर के कारण लोग घर से नहीं निकले। इसके चलते मतदान फीसद घट गया। अफगानिस्‍तान में राष्‍ट्रपति चुनाव ऐसे समय हो रहे हैं, जब अमेरिका ने अपनी सेनाओं में कटौती का ऐलान किया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्‍प होगा कि लोकतंत्र की बहाली में तालिबानों का क्‍या दृष्टिकोण रहता है।

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अफगानिस्‍तान में शनिवार को हुए राष्‍ट्रपति चुनाव में गैर आधिकारिक आंकडों के अनुसार 20 लाख से कुछ ज्‍यादा मतदाताओं ने मताधिकार का इस्‍तेमाल किया। यानी करीब 20 फीसद ही मतदान हुआ। वर्ष 2014 के चुनाव के मुकाबले बहुत कम है।

अफगानिस्‍तान में करीब एक करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। इस चुनाव में करीब 20 लाख वोटरों ने वोट दिए। एक करोड़ मतदाताओं में से करीब 20 लाख वोटर ही घरों से बाहर निकले और अपने अधिकार का इस्‍तेमाल किए।अफगानिस्‍तान के स्‍वतंत्र चुनाव आयोग ने कहा कि देश के आधे से अधिक मतदान केंद्रों के आंकड़ों से पता चलता है कि करीब 11 मिलियन लोगों ने एक दर्जन से अधिक उम्‍मीदवारों को मतदान किया। तालिबान प्रभावित लोगों की इस चुनाव में कम दिलचस्‍पी दिखी। अफगानिस्‍तान विश्‍लेषकों ने कहा कि इस बार सर्वाधिक तालिबान हमले किए गए। करीब 400 तालिबानी हमलों में दर्जनों अफगानी घायल हुए। इसलिए उनकी दिलचस्‍पी चुनाव में घटी है। 

तालिबान की धमकियों के बीच हुए चुनाव के शुरुआती नतीजे 19 अक्‍टूबर तक आने की उम्‍मीद है। अंतिम नतीजे नंवबर के पहले सप्‍ताह तक आएंगे। इस चुनाव में 18 उम्‍मीदवार अपनी किस्‍मत आजमा रहे हैं।


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