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थाईलैंड : गुफा में फंसे खिलाड़ियों तक ऐसे पहुंचे गोताखोर

थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 जूनियर फुटबॉल खिलाड़ियों और उनके कोच में से चार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। जानिए दुनिया के सबसे रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक क्या हुआ।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 09 Jul 2018 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 10:49 AM (IST)
थाईलैंड : गुफा में फंसे खिलाड़ियों तक ऐसे पहुंचे गोताखोर
थाईलैंड : गुफा में फंसे खिलाड़ियों तक ऐसे पहुंचे गोताखोर

चियांग राई (एजेंसी)। थाईलैंड में जूनियर फुटबॉल टीम के खिलाड़ी और उनके कोच ने शायद ही सोचा होगा कि वे इतनी बड़ी मुसीबत में फंस जाएंगे। घूमने के इरादे से थाईलैंड की सबसे लंबी गुफा को देखने गए खिलाड़ी पिछले दो सप्ताह से अधिक वक्त से गुफा में फंसे हुए हैं। हालांकि गोताखोरों की मेहनत रंग लाई और रविवार को इनमें से चार बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बाढ़ग्रस्त गुफा में फंसे बच्चों को निकालने के लिए 50 विदेशी गोताखोरों और थाइलैंड की नेवी सील के 40 कमांडो को लगाया गया है। रविवार के सफल ऑपरेशन के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि आज बचे हुए आठ बच्चों और उनके कोच को बाहर निकाला जा सकता है। 

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आखिर कैसे गुफा में फंसे बच्चे? कब 12 खिलाड़ियों और उनके कोच की जानकारी मिली? कैसे शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन? अबतक कितनी मिली सफता? टाइम लाइन के जरिए आपको बताते हैं कि कब क्या हुआ...

जानें कैसे बच्चों और उनके कोच को खोजा गया

23 जून :- 11 से 16 साल के 12 बच्चे और उनका कोच (25) उत्तरी थाइलैंड की थाम लुआंग गुफा में घुसे। उसके बाद से उनकी कुछ पता नहीं चला। जब बच्चे घर नहीं पहुंचे तो एक बच्चे की मां ने बेटे के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। कहा कि प्रैक्टिस पर गया बच्चा अबतक घर नहीं पहुंचा है। 

24 जून :-  पुलिस अधिकारियों ने मां की शिकायत पर बच्चे की तलाश शुरू की। 

25 जून :-  जूनियर खिलाड़ी और उनके कोच की खोजबीन शुरू हुई। बच्चों की तलाश में नेवी सील के गोताखोर गुफा में घुसे। हालांकि वाइल्ड बोर कही जाने वाली टीम बारिश के कारण फंस गई। गुफा के पास फुटबॉल खिलाड़ियों की साइकिल और बूट्स मिले। फिर लगा कि बच्चे गुफा के अंदर हो सकते हैं। 

26 जून :-  गुफा के अंदर बाढ़ का पानी भरा हुआ था। गोताखोर कई किमी अंदर एक टी-जंक्शन तक पहुंचे। लेकिन तेज बहाव की वजह से लौटने को मजबूर हुए। स्पेशलिस्ट्स की एक एक टीम ने पानी को पंप कर बाहर निकालना शुरू किया। थाईलैंड के आंतरिक मंत्री ने बताया कि गोताखोर आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब तक पानी पंप होकर बाहर नहीं निकल जाता। रेस्क्यू ऑपरेशन 24 घंटे जारी रहेगा। 

27 जून :-  अमेरिका के 30 नौसेना कर्मी और तीन ब्रिटिश विशेषज्ञ गोताखोर भी गुफा में पहुंचे। तेज बहाव की वजह से उन्हें भी पीछे हटना पड़ा। इस बीच लगातार बारिश हो रही थी। 

28 जून :- बारिश के कारण अभियान रुका। गुफा से पानी निकालने के लिए पंप लगातार चल रहा था। थाईलैंड की गोताखोरों की टीम के साथ ब्रिटिश गोताखोर भी शामिल हुए। रिचर्ड विलियम स्टैनन, रॉबर्ट चार्ल्स हार्पर और जॉन वॉलतन गुफा में गए। हालांकि कुछ गोताखोरों को पानी के बढ़ते स्तर के चलते वापस लौटना पड़ा। 

30 जून :- बारिश रुकने पर गोताखोर गुफा में कुछ और अंदर तक घुसने में सफल रहे। थाइलैंड की पुलिस ने गायब हुए बच्चों के लिए फूड पैकेड्स भी गिराए। इस उम्मीद के साथ कि हो सकता है कि बच्चों और उनके कोच तक यह खाना पहुंच जाए। इन 20 पैकेट्स में पानी, खाना, दवा, टॉर्च मौजूद थी। इसके एक नोट में लिखा था कि अगर यह मिल जाएं तो तुरंत रिप्लाई करें। मैप पर वह चिन्हित करें। उनकी तुरंत मदद की जाएगी। 

01 जुलाई :- रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे लोगों को उम्मीद थी कि फंसे बच्चे जीवित होंगे। गुफा के अंदर ऑपरेटिंग बेस बनाया। सैकड़ों एयर टैंक और अन्य चीजें अंदर पहुंचाईं। बारिश कम होने के बाद थाईलैंड नेवी की यूनिट आगे बढ़ने में सफल रही। 

2 जुलाई :- ब्रिटिश गोताखोरों ने गुफा के अंदर पट्टाया बीच से 400 मीटर अंदर बच्चों और उनके कोच को जीवित पाया। प्रांतीय राज्यपाल ने बताया कि हमने सभी 13 को सुरक्षित खोज निकाला है। सब कुछ ठीक होने तक उनका ख्याल रखा जाएगा। मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि वे कुछ अभी खा सकते हैं या नहीं क्योंकि पिछले नौ दिनों से भूखे हैं। 

3 जुलाई :- 12 बच्चों और उनके कोच तक खाद्य पदार्थ, दवाएं आदि पहुंचाई गईं। थाईलैंड की सेना ने कहा कि गुफा से बाहर आने के लिए इन बच्चों को तैराकी सीखनी होगी या फिर बाढ़ का पानी उतरने का इंतजार करना होगा। इसमें 4 महीने यानी अक्तूबर तक का वक्त लग सकता है।

4 जुलाई :- बच्चों को गोताखोरी के मास्क और सांस लेने के उपकरणों का प्रशिक्षण देना प्रारंभ। थाईलैंड की सेना ने बताया कि गुफा से बाहर आने के लिए इन बच्चों को गहरे पानी में सांस लेने के तरीके सिखाए जा रहे हैं, क्योंकि पूरी टीम को तैराकी नहीं आती है। इन्हें बाहर निकलने के लिए 3 किलोमीटर तक संकरा पानी भरा रास्ता तय करना होगा। सेना ने कहा कि बचाव तक जवान बच्चों के साथ रहेंगे। अधिकारियों का कहना है कि बचाव अभियान एक हफ्ते से लेकर कई महीनों तक चल सकता है।

5 जुलाई :- पंछियों के घोंसले एकत्रित करने वालों के एक दल ने पहाड़ के ऊपर गुफा के अंदर जाने का वैकल्पिक रास्ता खोजने की कोशिश की। 

6 जुलाई :- बच्चों तक एयरलाइन स्थापित करने की कोशिश में एक गोताखोर की मृत्यु। सरकारी अधिकारियों ने बताया 38 साल के समन गुनन लापता समूह को ऑक्सीजन की टंकी पहुंचाने के बाद वापस आते वक़्त बेहोश हो गए थे। जिसके बाद ऑक्सीजन की कमी के चलते उनकी मौत हो गई। समन गुनन ने थाई नौसेना के पूर्व गोताखोर थे। उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी लेकिन बचाव अभियान में शामिल होने के लिए वो लौट आए थे।

7 जुलाई :- गुफा में से एक संदेश भेजकर बच्चों के कोच ने उनके अभिभावकों से माफी मांगी। बच्चों ने भी अपने अभिभावकों, शिक्षिकों को लिखित भावुक पत्र भेजा। 

8 जुलाई :- उत्तरी थाइलैंड की थाम लुआंग गुफा में दो सप्ताह से अधिक समय से फंसे चार बच्चों को बाहर निकाल लिया गया। बचे हुए आठ बच्चों और उनके सहायक फुटबॉल कोच को सोमवार तक गुफा से निकाल लिए जाने की उम्मीद है।


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