ऑस्ट्रेलियाई किशोर ने ट्रक चढ़ाकर ली 20 कंगारुओं की जान, क्रूरता के आरोप में किया गया गिरफ्तार
ऑस्ट्रेलिया में 19 साल के युवक ने 20 कंगारुओं को अपने ट्रक के नीचे कुचल दिया। आरोप है कि वह करीब एक घंटे तक उन पर अपनी गाड़ी चढ़ाता रहा।
सिडनी, एएफपी। ऑस्ट्रेलिया में जानवरों के प्रति क्रूरता का बेहद गंभीर मामला सामने आया है। बीते शनिवार की रात सिडनी से 450 किलोमीटर दूर टूरा बीच की सड़क पर 19 साल के युवक ने 20 कंगारुओं को अपने ट्रक के नीचे कुचल दिया। आरोप है कि वह करीब एक घंटे तक उन पर अपनी गाड़ी चढ़ाता रहा। पुलिस ने रविवार सुबह मौके से दो बच्चों समेत 20 कंगारुओं के शव बरामद किए। जानवरों के प्रति क्रूरता के आरोप में उस युवक को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
न्यू साउथ वेल्स राज्य में सड़क हादसों में पहले भी कंगारुओं की मौत होती रही है। लेकिन पहली बार जानबूझकर कंगारुओं की हत्या किए जाने से स्थानीय निवासी स्तब्ध हैं। वन्यजीव संरक्षण समूह वायर्स के एक सदस्य ने कहा, इस घटना में कंगारुओं के तीन बच्चे अनाथ हो गए। कंगारू के बच्चे 18 माह तक अपनी मां पर ही आश्रित रहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के विकास का प्रतीक है कंगारू
कंगारू मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया में ही पाए जाते हैं। इस जानवर की खासियत है कि मादा कंगारूओं के वक्षस्थल के नीचे एक बड़ी खुलनेवाली थैली होती है। जिसमें मादा कंगारू अपने बच्चे को संभालकर रखती हैं। कंगारू को ऑस्ट्रेलिया के विकास का प्रतीक के रूप में जाना जाता है। कंगारू हमेशा आगे की ओर ही चलता है, पीछे कभी नहीं चलता है। कंगारू पूर्णत: शाकाहारी होते हैं, जो कि पेड़ों की पत्तियां और घास खाते हैं।
झुंड बनाकर रहते हैं कंगारू
नर कंगारूओं को बूम, मादा कंगारूओं को डो और कंगारू के बच्चे को जॉय कहा जाता है। कंगारू हमेशा झुंड बनाकर ही रहते हैं। कंगारूओं के एक झुंड में सात से लेकर 100 कंगारू तक हो सकते हैं। कंगारू बच्चा जबतक स्तनपान करता है तबतक वो मादा कंगारू के थैले में ही रहता है। 12 से 18 महीने की उम्र के बाद ही कंगारू का बच्चा थैले से बाहर निकलता है।