तालिबान ने छोड़े अमेरिकी-ऑस्ट्रलियाई प्रोफेसर, बदले में रिहा किए गए आतंकी संगठन के तीन कमांडर
तालीबीन ने अमेरिकी विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों को जाबुल प्रांत के नवाबहार जिले में रिहा किया है।
कंधार, एएफपी। तालिबान ने कैदियों की अदला-बदली के तहत दक्षिण अफगानिस्तान में बंधक बनाए गए एक अमेरिकी और एक ऑस्ट्रेलियाई प्रोफेसर को रिहा कर दिया। इन्हें अमेरिकी बलों को सौंपा गया है। इस आतंकी संगठन ने तीन साल पहले इन दोनों को काबुल से अगवा किया था। इन बंधकों के बदले तालिबान के तीन शीर्ष कमांडरों को अफगानिस्तान की जेल से छोड़ा गया है।
अमेरिकी नागरिक केविन किंग और ऑस्ट्रेलियाई टिमोथी वीक्स की रिहाई अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के उस एलान के एक हफ्ते बाद हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि तालिबान के तीन बड़े आतंकियों को रिहा किया जाएगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई थी कि इससे शांति प्रक्रिया को शुरू करने में मदद मिल सकती है। गनी के इस कदम को कैदियों की अदला-बदली के नजरिये से देखा जा रहा है।
किंग और वीक्स काबुल स्थित अमेरिकी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। इन्हें अगस्त 2016 में सेना की वर्दी में आए बंदूकधारियों ने अगवा कर लिया था। एक स्थानीय पुलिस सूत्र ने बताया, 'सुबह करीब दस बजे अमेरिकी यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसरों को जाबुल प्रांत के नवबहार जिले में रिहा किया गया। वे अमेरिकी हेलीकॉप्टरों से जाबुल से बाहर गए।' तालिबान सूत्रों ने भी दो बंधकों को रिहा किए जाने की पुष्टि की।
हक्कानी का भाई भी रिहा
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, तालिबान के जिन तीन आतंकियों को रिहा किया गया है, उनमें अनस हक्कानी भी शामिल है। वह तालिबान के उप सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी का छोटा भाई है। सिराजुद्दीन हक्कानी नेटवर्क का सरगना भी है। अफगानिस्तान की जेल से रिहा होने के बाद तीनों आतंकी सोमवार को दोहा पहुंच गए। इस देश में तालिबान ने अपना सियासी दफ्तर बना रखा है।