तालिबान ने अफगान सरकार के साथ शांति वार्ता का प्रस्ताव फिर ठुकराया
तालिबान ने कहा कि विद्रोहियों को वार्ता में कोई रुचि नहीं है।
काबुल, एपी। तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार के साथ शांति वार्ता का प्रस्ताव फिर ठुकरा दिया है। अफगान पीस काउंसिल ने 17 साल से चले आ रहे गृहयुद्ध को खत्म करने के लिए पिछले महीने तालिबान के सामने यह प्रस्ताव रखा था। अफगान सरकार ने तालिबान से वार्ता के लिए वर्ष 2010 में 'द अफगान हाई पीस काउंसिल' का गठन किया था।
तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने शुक्रवार को कहा, 'अफगानिस्तान की धरती पर जब तक विदेशी सैनिक मौजूद हैं तब तक तालिबान बातचीत नहीं करेगा।' हालांकि तालिबान कभी-कभी शांति वार्ता की इच्छा जताता है। लेकिन उसका कहना है कि वह अमेरिका के हाथों की कठपुतली अफगान सरकार के स्थान पर सीधे अमेरिका से बात करेगा।
अफगान सरकार ने किया था संघर्ष विराम का एलान
शांति प्रक्रिया की दिशा में एक अहम फैसला लेते हुए अफगानिस्तान सरकार ने ईद के मौके पर तालिबान के साथ संघर्ष विराम का एलान किया। हालांकि, इस्लामिक स्टेट समेत अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। अफगानिस्तान में तालिबान ने अफगान सुरक्षा बलों के साथ रमजान के मौके पर आठ दिनों (12 से 19 जून) का संघर्ष विराम रखने का एलान किया है। हालांकि, इसके कुछ ही घंटे पहले उसने पश्चिमी अफगानिस्तान के सैन्य शिविर पर हमला कर 17 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था।
नाटो ने की थी शांति वार्ता की अपील
इससे पहले अफगानिस्तान में सैन्य कार्रवाई में शामिल रहे नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने तालिबान से हिंसा का रास्ता छोड़ अफगान सरकार से वार्ता की अपील की थी। जेन्स ने कहा था कि 'शांति हासिल करने का एकमात्र रास्ता है कि हम बातचीत की मेज पर बैठें। मैं तालिबान से अपील करता हूं कि वह हथियार छोड़कर शांतिपूर्ण हल के लिए रचनात्मक संवाद करे।'
रूस ने भी की थी अपील
रूस के विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन तालिबान से अफगान सरकार के ईद के मौके पर संघर्ष विराम प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाने की अपील की थी। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम तालिबान से अफगान सरकार की पहल के प्रति सकारात्मक रुख बरतने की अपील करते हैं। यह फैसला शांति की ओर पहला कदम है।
उजबेकिस्तान ने भी शांतिवार्ता के लिए भेजा था न्योता
उजबेकिस्तान ने अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान को अपनी जमीन पर शांति वार्ता का न्योता भेजा था। उजबेकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों में बातचीत के बाद संघर्ष विराम को अनिश्चित काल के लिए बढ़ाया जा सकता है। हम शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अफगानिस्तान और तालिबान के बीच सीधी वार्ता कराने के लिए उजबेकिस्तान की धरती पर हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के मद्देनजर उजबेकिस्तान ने इस साल मार्च में अफगान शांति सम्मेलन का आयोजन किया था। लेकिन तालिबान ने इसमें भाग नहीं लिया था। उजबेकिस्तान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि शांति प्रक्रिया के लिए उसने तालिबान के वरिष्ठ सदस्यों के साथ संपर्क स्थापित किया है और बैठकें भी की हैं।