अफगानिस्तान पहुंचे संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव, समर्थन का दिया भरोसा
अफगानिस्तान में जारी मानवीय संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स (Martin Griffiths) काबुल पहुंचे हैं। तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्वीट कर बताया कि मार्टिन ग्रिफिथ्स (Martin Griffiths) ने रविवार को तालिबान नेता मुल्ला बरादर से मुलाकात की।
काबुल, एजेंसियां। अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों के बीच एक ओर सत्ता के लिए संघर्ष हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर आम लोगों की हालत बेहद खराब हो गई है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने टोलो न्यूज के हवाले से बताया है कि अफगानिस्तान में जारी मानवीय संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स (Martin Griffiths) काबुल पहुंचे हैं। तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्वीट कर बताया कि मार्टिन ग्रिफिथ्स (Martin Griffiths) ने रविवार को तालिबान नेता मुल्ला बरादर से मुलाकात की।
Taliban’s Mullah Baradar met with Martin Griffiths, UN under-secy-general for humanitarian affairs, on Sunday at the foreign ministry in Kabul, where Griffiths said UN will continue its support & cooperation with Afghanistan, Taliban spokesman Mohammad Naeem tweeted: TOLO news pic.twitter.com/XR8IkZUSsE
— ANI (@ANI) September 5, 2021
तालिबान प्रवक्ता के हवाले से टोलो न्यूज ने बताया कि ग्रिफिथ्स ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान के साथ अपना समर्थन और सहयोग जारी रखेगा। दरअसल अफगानिस्तान में आम लोगों के हालात बेहद खराब हो गए हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में भुखमरी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। आलम यह है कि अफगान लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए अपने घरों के सामन तक बेचने पड़ रहे हैं।
हाल ही में प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में आम लोगों की आर्थिक हालत इस कदर खराब हो चुकी है कि उन्हें सड़कों के किनारे अपने घरेलू सामानों को बेचते देखा जा सकता है। काबुल के एक दुकानदार नेमातुल्लाह कहते हैं कि लोग हताश हैं। उनके पास न रोजगार है और न ही पैसा बचा है। सड़कों पर लोग बेडशीट पर बर्तन, प्लेट और कप रख कर इनको बेचने की कोशिश कर रहे हैं।
मौजूदा वक्त में अफगानिस्तान बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। काफी व्यवसाय बंद हो चुके हैं। सरकारी कर्मचारियों को छिप कर जान बचाना पड़ रहा है। लोगों को बैंकों और एटीएम के बाहर लाइन में खड़े देखा जा सकता है। रिपोर्टों के मुताबिक अफगानिस्तान में महंगाई में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं चिंता की बात यह भी है कि अफगानी राष्ट्रीय मुद्रा का मूल्य गिरता जा रहा है। उम्मीद की जा रही थी कि अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद स्थितियां सुधरेंगी लेकिन आतंकी संगठनों के बीच कलह के चलते यह भी टलता जा रहा है।