अफगानिस्तान में तालिबान बना रहा अपनी वायुसेना, किसी अतिवादी संगठन की यह पहली एयरफोर्स होगी
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के करीब तीन महीने बाद तालिबान ने अपनी वायुसेना बनाने की इच्छा जताई है। दुनिया के किसी अतिवादी संगठन की यह पहली वायुसेना होगी। तालिबान की खुफिया इकाई के शीर्ष अधिकारी ने भी वायुसेना के गठन को जरूरी बताया है।
काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के करीब तीन महीने बाद तालिबान ने अपनी वायुसेना बनाने की इच्छा जताई है। दुनिया के किसी अतिवादी संगठन की यह पहली वायुसेना होगी। वैसे तालिबान अपने सशस्त्र बलों के आवागमन के लिए हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल हफ्तों पहले से कर रहा है। उसके पास अत्याधुनिक अमेरिकी विमानों और हेलीकाप्टरों की अच्छी-खासी संख्या मौजूद है। इसके अतिरिक्त भारत द्वारा पूर्व सरकार को उपहार स्वरूप दिए गए एमआइ-17 हेलीकाप्टर भी तालिबान के हाथ लगे हैं।
पायलटों और अन्य स्टाफ की होगी पुन: नियुक्ति
हाल ही में काबुल के मुख्य सैन्य अस्पताल के नजदीक आतंकी संगठन आइएस के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में तालिबान ने अमेरिकी ब्लैक हाक हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल किया था। इसी का नतीजा था कि आइएस के पांच बंदूकधारी आतंकी मारे गए थे। आत्मघाती बम विस्फोटों के बाद ये पांच आतंकी अस्पताल में दाखिल होकर वहां खूनखराबा करने की फिराक में थे। तालिबान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कारी सईद खोस्ती ने केन्यूज को बताया है कि हम पूर्व सरकार की वायुसेना के ढांचे का इस्तेमाल कर उसे पुनर्जीवित करेंगे। इस कार्य में वायुसेना के पायलटों और अन्य स्टाफ की पुन: नियुक्ति की जाएगी। तालिबान की खुफिया इकाई के शीर्ष अधिकारी ने भी वायुसेना के गठन को जरूरी बताया है।
आममाफी देकर पहले की सरकार के पायलटों को शामिल करने का फैसला
तालिबान सरकार कुछ अन्य उच्च पदस्थ लोगों ने भी वायुसेना के गठन को जरूरी माना है। तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा है कि हम अपनी वायुसेना बना रहे हैं। पूर्व सरकार की वायुसेना के जो पायलट और अन्य अधिकारी देश छोड़कर चले गए हैं या कहीं छिपे हुए हैं, उन्हें हमने आममाफी देने का फैसला किया है। वे आएं और पूर्व की भांति देश की वायुसेना को अपनी सेवाएं दें। उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है।