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अफगानिस्तान में हजारा समुदाय को जमीन छोड़ने के लिए मजबूर कर रहा तालिबान

अफगानिस्तान में हजारा समुदाय की वर्तमान में करीब नौ फीसद आबादी है। एक समय में अफगानिस्तान में इनकी संख्या कुल आबादी का 67 फीसद थी। 1893 में इनकी व्यापक पैमाने पर हत्या की गईं। यह समुदाय अब भी निशाने पर बना हुआ है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 07:43 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 07:43 PM (IST)
अफगानिस्तान में हजारा समुदाय को जमीन छोड़ने के लिए मजबूर कर रहा तालिबान
मध्य अफगानिस्तान में रहने वाले हजारा समुदाय पर कहर टूट रहा है।

काबुल, एजेंसी। तालिबान की सरकार बनने के बाद मध्य अफगानिस्तान में रहने वाले हजारा समुदाय पर कहर टूट रहा है। यहां के हजारा किसानों को पश्तून जमींदारों के इशारे पर तालिबान निशाना बना रहा है। उनकी जमीनों को छीना जा रहा है। यहां तक कि खेतों के साथ ही खलिहान और घरों से भी बेदखल किया जा रहा है।

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मध्य अफगानिस्तान में किसानों के खेतों पर हो रहा जबरन कब्जा

15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से हजारा समुदाय पर हमलों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। सरकार बनने के बाद अब हजारा समुदाय को सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पूरी तरह तबाह किए जाने का घिनौना काम शुरू हो गया है। जहां--जहां हजारा समुदाय के किसान जमीनों पर फसल उगा रहे हैं, वहां तालिबान जबरन कब्जा कर रहे हैं।

फसलों को लूट रहे तालिबान, खलिहानों पर भी बोला धावा

कुछ दिनों पहले इस मामले में हजारा समुदाय के निर्वासित नेता मोहम्मद मोहकक ने भी चेतावनी दी थी। मोहकक ने बताया था कि करीब आठ सौ हजारा परिवारों को दायकुंडी और उरजगन से चले जाने की धमकी दी गई है। मोहकक ने कहा है कि यह तालिबान का एक तरफा फैसला है।

अफगानिस्तान में हजारा समुदाय की वर्तमान में करीब नौ फीसद आबादी है। एक समय में अफगानिस्तान में इनकी संख्या कुल आबादी का 67 फीसद थी। 1893 में इनकी व्यापक पैमाने पर हत्या की गईं। यह समुदाय अब भी निशाने पर बना हुआ है। इस समुदाय के तमाम परिवार पलायन कर आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन चले गए हैं। इससे पहले तालिबान के कब्जे को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के प्रति चिंता जताई थी।

टीटीपी से सहमा पाक अब लेगा तालिबान की मदद

आइएएनएस के अनुसार पाकिस्तान की सरकार तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी ) की देश में आतंकी गतिविधियों को लेकर सहमी हुई है। अब पाक ने तालिबान की शरण ली है। पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह तालिबान मदद से टीटीपी की आतंकी गतिविधियों को रोकेगा। टीटीपी ने पाकिस्तान में कई बड़ी वारदात की हैं। उसने सेना पर भी कई बार हमले किए हैं।

एक साक्षात्कार में पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आतंकी संगठन अफगानिस्तान में हुए संघर्ष का फायदा उठा रहा है। उन्होंने कहा कि टीटीपी ने ही पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में टीटीपी ने उइगर मुस्लिमों के संगठन तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (इटीआइएम) की मदद ली थी।


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