सीरिया-तुर्की सीमा पर तनाव बढ़ा, अमेरिका की तल्ख टिप्पणी के बाद सीरियाई सेना एक्शन में
सीरियाई राज्य टेलीविजन और वहां के नागरिकों ने इन सैनिकों का स्वागत किया और उनके फुटेज प्रसारित किए हैं।
रास-अल-आइन, एजेंसी । सोमवार को सीरियाई राष्ट्रीय सेना ने तुर्की सीमा रेखा की ओर कूच किया। सीरिया हुकूमत ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रविवार को तुर्की को एक बार फिर से सख्त चेतावनी जारी किया है। सीरियाई राज्य टेलीविजन और वहां के नागरिकों ने इन सैनिकों का स्वागत किया और उनके फुटेज प्रसारित किए हैं। सैनिकों ने तुर्की सीमा पर सीरियाई झंडे लहराए। सीरियाई सैनिक तुर्की केसीमावर्ती शहर से महज कुछ किलामीटर दूर थे।
तुर्की के हमले में अब अब तक 150 लोगों की मौत
बता दें कि तुर्की के हमले में अब अब तक 150 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 50 नागरिक और 109 से अधिक कुर्द लड़ाके शामिल हैं। तुर्की के सैन्य ऑपरेशन की वजह से 1 लाख 30 हजार लोग विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द स्थिति न सुधरी तो चार लाख लोगों के पलायन की नौबत आ सकती है। नौ अक्टूबर को तुर्की ने कुर्द बलों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों पर सैन्य कार्रवाई की। इस सैन्य हमले को तुर्की ने आतंकवादियों के खिलाफ हमला करार दिया और इसे जायज ठहराया। इस बाबत सीरियन फॉर ह्यूमन राइट्स का कहना है कि इस कार्रवाई के कारण करीब 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
यह सभी लोग पूर्वी हसाकेह शहर की ओर बढ़ रहे हैं। सीरिया ने यह कद ऐसे समय उठाया है जब अमेरिका अंकारा से अपनी सेना को वापस बुला लिया है। तुर्की ने सीरियाई कुर्दों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। ऐसे में सीरिया की यह कार्रवाई तुर्की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ अंकारा को हरी झंडी प्रदान करता है। चार लाख
फ्रांस-जर्मन और कई यूरापीय देशों ने लगाया प्रतिबंध
सीरिया में कुर्द लड़ाकों के खिलाफ तुर्की के हमले को लेकर फ्रांस के बाद जर्मन ने भी हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। कई यूरोपीय देशों में तुर्की के खिलाफ आंदोलन तेज हो गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि तुर्की इन लड़ाकों को आतंकवादियों की तरह देखता है। फ्रांस का तर्क है कि तुर्की के खिलाफ प्रतिबंध इसलिए लगाया गया क्योंकि वह इन हथियारों का इस्तेमाल सीरिया के खिलाफ कर सकता है। फ्रांस के इस बयान के बाद जर्मनी का भी बयान सामने आया है कि उसने भी तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि जर्मनी तुर्की का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता है। इसके अलावा फिनलैंड, नार्वे, नीदरलैंड ने पहले ही तुर्की पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।