मालदीव के राष्ट्रपति यामीन की पराजय पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, सोलिह का रास्ता हुआ साफ
अदालत ने रविवार को यामीन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने चुनाव परिणामों को रद करने और नए सिरे से चुनाव कराने का अनुरोध किया था।
कोलंबो, एएफपी। मालदीव के आम चुनावों में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की पराजय पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। अदालत ने रविवार को यामीन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने चुनाव परिणामों को रद करने और नए सिरे से चुनाव कराने का अनुरोध किया था।
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से निर्णय दिया है। पीठ ने फैसले में कहा है कि यामीन 23 सितंबर को हुए चुनावों में विपक्षी उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह द्वारा धांधली कर चुनाव जीतने के अपने दावे के समर्थन में पर्याप्त सुबूत पेश नहीं कर सके।
इससे पहले पांच जजों की पीठ यामीन के वकील के उस अनुरोध को भी अस्वीकार कर चुकी है, जिसमें उन्होंने उन गवाहों को पेश करने की इजाजत मांगी थी, जो यह बताते कि किस तरह चुनावों में धांधली की गई है।
बता दें कि आम चुनावों में हार के बाद यामीन ने वैश्विक दबावों के चलते पहले 17 नवंबर तक पद छोड़ने की बात कही थी, लेकिन इस महीने की शुरुआत में उन्होंने प्रतिबंधों की परवाह नहीं करते हुए चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर दी। यामीन ने याचिका में मिटने वाली स्याही का जिक्र किया था।
उनका दावा था कि इसी के चलते चुनावों में उनको हार का सामना करना पड़ा है। 2013 में हुए चुनावों में भी यामीन विपक्षी उम्मीदवार से पीछे चल रहे थे, लेकिन तब शीर्ष अदालत के सहारे वह जीतने में कामयाब रहे थे।