कोरोना वायरस वैरिएंट्स से सफल मॉडल तैयार, घातक बीमारी के लिए प्रभावी दवाएं विकसित करने में मिलेगी मदद
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रोया जांडी ने कहा वायरल असेंबली को समझना हमेशा चिकित्सीय रणनीतियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम रहा है। जांडी ने बताया कि कोरोना वायरस में सबसे बड़ा जीनोम होता है।
लॉस एंजेलिस, पीटीआई। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर हर तरफ बुरी ही खबर सुनने को मिली। लेकिन अब इस वायरस के वैरिएंट्स से जुड़ी हुई एक अच्छी खबर सामने आई है। पहली बार, वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस वैरिएंट्स SARS और CoV-2 को जोड़कर एक सफल मॉडल तैयार किया है। बताया गया है कि इससे घातक बीमारी के लिए प्रभावी दवाएं विकसित करने में मदद मिलेगी।
अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने बताया
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रोया जांडी ने कहा, 'वायरल असेंबली को समझना हमेशा चिकित्सीय रणनीतियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम रहा है।' जांडी ने आगे कहा, 'HIV और हेपेटाइटिस बी जैसे वायरस के कई प्रयोगों और सिमुलेशन ने उनकी असेंबली को स्पष्ट करने और उनका मुकाबला करने में उल्लेखनीय प्रभाव डाला है।'
प्रोफेसर रोया जांडी ने बताया कि किसी भी वायरस के जीवन चक्र में एक महत्वपूर्ण कदम उसके जीनोम को नए विषाणुओं या वायरस कणों में पैक करना होता है। यह SARS-CoV-2 जैसे कोरोना वायरस के लिए एक विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसमें उनके बहुत बड़े RNA जीनोम शामिल होते हैं। कोरोना वायरस में सबसे बड़ा जीनोम होता है, जो आरएनए को जेनिटिक सामग्री (genetic material) के रूप में उपयोग करता है।
SARS-CoV-2
SARS-CoV-2 में चार संरचनात्मक प्रोटीन होते है। एन्वलोप (E), मेम्ब्रेन (M), न्यूक्लियोकैप्सिड (N), और स्पाइक (S) जिसका उपयोग वायरस मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमित करने के लिए करता है। प्रोफेसर ने बताया कि कई अन्य वायरस की तुलना में कोरोना वायरस का संयोजन सबसे अलग है, क्योंकि यह प्रक्रिया ERGIC झिल्ली पर होती है।