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Health News: बच्चों व किशोरों की जिंदगी पर हो रहा लाइफस्टाइल का असर, शोध का दावा

बच्चों में उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए आहार संबंधी सिफारिशों में ताजी सब्जियां फल और अन्य उच्च फाइबर खाद्य पदार्थों का सेवन शामिल है। इसके साथ ही नमक की सीमित मात्रा और चीनी-मीठे पेय भी कम देना चाहिए।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 29 Jul 2022 04:57 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2022 04:57 PM (IST)
Health News: बच्चों व किशोरों की जिंदगी पर हो रहा लाइफस्टाइल का असर, शोध का दावा
स्वस्थ जीवनशैली से बच्चों के उच्च रक्तचाप को कर सकते हैं नियंत्रित

ब्रुसेल्स, एजेंसी। भागदौड़ की जिंदगी में स्वास्थ्य से जुड़ी अनेक परेशानियां सामने आ रहीं हैं। इनमें से एक उच्च रक्तचाप है जो बुजुर्गों व युवाओं में तो सामने आ ही चुकी है अब  बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं।  उच्च रक्तचाप एक जटिल समस्या है, यह बहुत सी अन्य बीमारियों का कारक है। इससे बड़े लोगों के साथ बच्चे भी पीड़ित हैं।

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लाइफस्टाइल पर ही आधारित है बेहतर स्वास्थ्य  

एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में बताया गया है कि बच्चों व किशोरों में अस्वास्थ्यकर जीवनशैली से उच्च रक्तचाप की समस्या बढ़ रही है ओर इसमें सुधार के लिए  जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी है। जीवनशैली को सुधार कर ही  इस पर नियंत्रण किया जा सकता है।

6 से 16 साल के बच्चों पर हुआ अध्ययन

यूरोपीयन सोसाइटी आफ कार्डियोलाजी के यूरोपियन हर्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, बच्चों और किशोरों में उच्च रक्तचाप की दस में से नौ घटनाएं- निष्क्रियता, आहार में शुगर और नमक की अधिक मात्रा व मोटापे के कारण होती हैं। अध्ययन छह से 16 वर्ष के बच्चों में उच्च रक्तचाप पर केंद्रित है।

लाइफस्टाइल में करें बदलाव

शोध के लेखक व यूनिवर्सिटी आफ नेपल्स फेडरिको द्वितीय, इटली के प्रोफेसर जियोवानी डी सिमोन ने कहा कि माता-पिता बच्चों के हेल्थ व्यवहार में बदलाव के महत्वपूर्ण कारक हैं। अक्सर, उच्च रक्तचाप और मोटापा एक ही परिवार में सहअस्तित्व में होते हैं। लेकिन ऐसा न होने पर परिवार के सभी सदस्यों की जीवनशैली में बदलाव करें।

शारीरिक गतिविधियों पर जोर 

बच्चों में उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए आहार संबंधी सिफारिशों में ताजी सब्जियां, फल और अन्य उच्च फाइबर खाद्य पदार्थों  का सेवन शामिल है। इसके साथ ही नमक की सीमित मात्रा और चीनी-मीठे पेय भी कम देना चाहिए। बच्चों और किशोरों को हर दिन कम से कम एक घंटे की शारीरिक गतिविधि-जैसे जागिंग, साइकिल चलाना या तैराकी करना चाहिए।


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