श्रीलंका में आपातकाल हुआ खत्म, ईस्टर हमलों के चार महीने बाद बदले हालात
Sri Lanka Ends Emergency ईस्टर हमलों के चार महीने बाद आज आखिरकार श्रीलंका में आपातकाल खत्म हो गया है। बीते 22 अप्रैल को हमलों के बाद वहां इमरजेंसी लगाई गई थी।
कोलंबो, एएफपी। Sri Lanka Ends Emergency, इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा ईस्टर आत्मघाती बम विस्फोट के चार महीने बाद आज श्रीलंका में आपातकाल खत्म कर दिया गया है। इन हमलों में 258 लोगों ने अपनी जान गंवाई थई।अधिकारियों ने शुक्रवार को श्रीलंका मे आपातकाल खत्म किए जाने की जानकारी दी। श्रीलंका में बीती 22 अप्रैल को ईस्टर में कई चर्चों में आतंकी हमलों के बाद आपातकाल(इमरजेंसी) लगाई गई थी।
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमलों के बाद हर महीने 22 तारीख को इस आपातकाल में विस्तार किया। इस वजह से श्रीलंका में चार महीने तक आपातकाल लगा रहा।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, 'राष्ट्रपति ने एक नई घोषणा जारी नहीं की, जो आपातकाल की अवधि को बढ़ाता है।' आधिकारिक सरकारी प्रिंटर ने यह भी पुष्टि की कि आपातकाल की स्थिति को फिर से लागू करने की कोई सूचना नहीं थी, जो पुलिस और सुरक्षा बलों को लंबे समय तक संदिग्धों को पकड़ने और हिरासत में रखने के लिए व्यापक अधिकार देता है। बता दें, राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने 22 अप्रैल को घोषणा की थी कि श्रीलंका में आधी रात से आपातकाल लागू कर दिया जाएगा।
श्रीलंका में क्यों लागू किया गया था आपातकाल ?
सरकार ने आपातकाल इसलिए लागू किया था क्योंकि इसने देश भर में सुरक्षा कड़ी कर दी और इस दौरान एक स्थानीय जिहादी समूह के सदस्यों को शिकार बनाया गया था, जिसे हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। इस जिहादी समूह ने इस्लामिक स्टेट समूह के प्रति निष्ठा का दावा किया था।
पुलिस ने कहा है कि आत्मघाती बम धमाकों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार सभी लोग मारे गए या गिरफ्तार किए गए। इस हफ्ते पर्यटन मंत्री जॉन अमरातुंगा ने कहा था कि उन्होंने राष्ट्रपति से विदेशी छुट्टियों के संकेत के लिए ड्रैकियन कानून को शिथिल करने के लिए कहा था कि देश में स्थिति सामान्य थी।
बता दें, ईस्टर हमलों से पहले श्रीलंका को भारतीय खुफिया एजेंसियों की ओर से इनपुट मिला था कि जिहादी श्रीलंका में ईसाई चर्चों और अन्य ठिकानों पर हमला करने वाले हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना पर इसको लेकर आरोप भी लगे थे कि उन्होंने खुफिया इनपुट के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की थी।