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नरेंद्र मोदी की राह पर चलेगा श्रीलंका, 'खुले में शौच मुक्त' का छेड़ा अभियान

श्रीलंका में शौचालयों की कमी के कारण खुले में शौच की समस्या बनी हुई है। देश की 2.1 करोड़ की आबादी में करीब 15 फीसद लोगों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 07:08 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 07:08 PM (IST)
नरेंद्र मोदी की राह पर चलेगा श्रीलंका, 'खुले में शौच मुक्त' का छेड़ा अभियान
नरेंद्र मोदी की राह पर चलेगा श्रीलंका, 'खुले में शौच मुक्त' का छेड़ा अभियान

कोलंबो, एएफपी। भारत की तरह पड़ोसी देश श्रीलंका भी खुले में शौच से मुक्ति की राह पर चल पड़ा है। श्रीलंका की सरकार ने इस साल के अंत तक देश में खुले में शौच की समस्या पूरी तरह खत्म कर देने का एलान किया है। श्रीलंका के वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने मंगलवार को संसद में कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस राशि से देशभर में दो लाख 60 हजार से ज्यादा घरों में शौचालय बनवाए जाएंगे।

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श्रीलंका में शौचालयों की कमी के कारण खुले में शौच की समस्या बनी हुई है। देश की 2.1 करोड़ की आबादी में करीब 15 फीसद लोगों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है। शौचालयों के निर्माण और साफ-सफाई में निजी कंपनियों की भी मदद ली जाएगी। WHO ने एक बयान में बताया है कि, भारत इस समय पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इन दिनों भारत में बहुत तेजी नए शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है ताकि आम लोगों को भी मूलभूत सुविधाएं तेजी से पहुंचाईं जाए।  

विश्व में 2.3 अरब लोगों के पास नहीं है शौचालय 
WHO के मुताबिक अभी भी दुनिया के लगभग 2.3 अरब लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। ये लोग शौचालय की बुनियादी स्वच्छता की सुविधा से अभी तक वंचित हैं। यह आबादी लगभग विश्व की आधी आबादीके बराबर है। खुले में शौच की समस्या से निपटने में करीब 90 देशों की चाल बेहद धीमी है। वहीं भारत ने पीएम मोदी के नेतृत्व में इस चुनौती से निपटने के लिए अपने प्रयास को सर्वोच्च स्तर तक पहुंचा दिया है। 


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