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Space X ने सफलतापूर्वक भेजी स्पेस स्टेशन के लिए सामग्री, 50वीं बार की लैंडिंग

स्पेसएक्स ने शुक्रवार रात नासा के लिए अंतरिक्ष स्टेशन की एक और आपूर्ति को सफलतापूर्वक भेज दिया

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 08:06 AM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 08:06 AM (IST)
Space X ने सफलतापूर्वक भेजी स्पेस स्टेशन के लिए सामग्री, 50वीं बार की लैंडिंग
Space X ने सफलतापूर्वक भेजी स्पेस स्टेशन के लिए सामग्री, 50वीं बार की लैंडिंग

केप केनवेरेल, एपी। स्पेसएक्स ने शुक्रवार रात नासा के लिए अंतरिक्ष स्टेशन की एक और आपूर्ति को सफलतापूर्वक भेज दिया। इसके साथ ही स्पेसएक्स के रॉकेट ने 50वीं लैंडिंग भी की।फॉल्कन रॉकेट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए 4,300 पाउंड के उपकरण और प्रयोग सामग्री को लेकर गया है। इसके कुछ ही मिनटों के बाद स्पेंट फ‌र्स्ट स्टेज बूस्टर ने नाटकीय रूप से मध्यरात्रि में केप केनवेरेल में वापस लैंडिंग की।

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मिशन कंट्रोल में स्पेसएक्स की इंजीनियर जैसिका एंडरसन ने घोषणा की, 'स्पेसएक्स के इतिहास में 50वीं बार फॉल्कन ने लैंड किया है।'इस बीच, ड्रैगन कैप्सूल सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से मिलने की दिशा में बढ़ चला है। यह स्पेसएक्स के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की 20वीं आपूर्ति है। 2012 से वह अभी तक वहां एक लाख पाउंड की सामग्री भेज चुका है और उतनी ही पृथ्वी पर वापस ला चुका है।

'2050 तक 10 लाख लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने का लक्ष्य'

स्पेसएक्स ने 2050 तक मंगल ग्रह पर 10 लाख लोगों को भेजने का लक्ष्य बनाया है। स्पेस एक्स के मालिक इयोन मस्क ने कुछ ट्वीट करते हुए बताया कि वो कैसे इस काम में सफलता हासिल करेंगे। उन्होंने बताया कि लाल ग्रह के उपनिवेश के चुनौतीपूर्ण कार्य को कैसे प्राप्त करने जा रहे हैं। उनका कहना है कि वो इंसान को उस हिसाब से तैयार करेंगे कि वो मंगल ग्रह पर जा सके और वहां रह सके। उन्होंने ट्वीट किया, ' मंगल ग्रह पर जिंदगी के लिए प्रति वर्ष मेगाटन कक्षा में भेजना होगा।'

स्पेसएक्स का लक्ष्य, मस्क के अनुसार, 2050 तक 10 लाख लोगों को मंगल पर भेजना है। पिछले साल सितंबर में, स्पेसएक्स ने नासा से अनुरोध किया है कि वो लाल ग्रह पर संभावित लैंडिंग साइटों के बारे में जानकारी दे। बता दें कि स्पेसएक्स ऐसे स्टारशिप का निर्माण कर रहा है, जो पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य (Reusable) वाहन होगा जो मनुष्यों को ले जाने के साथ ही मंगल पर आपूर्ति के लिए भी काम आएगा।


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