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कोरोना महामारी पर फ्रांस और चीन का प्रस्‍ताव, सुरक्षा परिषद में आज हो सकता है मतदान

फ्रांस और चीन द्वारा एक संशोधित मसौदा प्रस्ताव मंगलवार को वोट के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। उम्‍मीद है कि इसके परिणाम बुधवार को घोषित हो जाएंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 08:58 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 08:58 AM (IST)
कोरोना महामारी पर फ्रांस और चीन का प्रस्‍ताव, सुरक्षा परिषद में आज हो सकता है मतदान
कोरोना महामारी पर फ्रांस और चीन का प्रस्‍ताव, सुरक्षा परिषद में आज हो सकता है मतदान

संयुक्‍त राष्‍ट्र, एजेंसी।  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कोरोना महामारी के अपने पहले प्रस्ताव पर समझौते तक पहुंचने के लिए फिर से एक पहल कर रही है। फ्रांस और चीन द्वारा एक संशोधित मसौदा प्रस्ताव मंगलवार को वोट के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। उम्‍मीद है कि इसके परिणाम बुधवार को घोषित हो जाएंगे। यह प्रस्‍ताव फ्रांस और चीन द्वारा ऐसे समय पेश किया जा रहा है, जब अमेरिका कोरोना वायरस के प्रसार के लिए चीन और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन को दोषी मानता रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्‍प होगा कि अमेरिका और उसके समर्थकों का इस पर क्‍या स्‍टैंड होता है। 

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क्‍‍‍‍या है प्रस्‍ताव का मसौदा 

यह प्रस्ताव महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के 23 मार्च को महामारी से निपटने के लिए वैश्विक संघर्ष विराम का आह्वान करता है। प्रस्‍ताव में सीरिया, यमन, लीबिया, दक्षिण सूडान और कांगो सहित सभी संघर्षों एवं शत्रुता को तुरंत समाप्त करने की मांग की गई है। यह सभी युद्धरत पक्षों को मानवीय सहायता और चिकित्सा निकासी की सुरक्षित और निर्बाध डिलीवरी के लिए कम से कम 90 दिनों के लिए संघर्ष विराम का आह्वान करता है। मसौदा के प्रस्‍ताव में कहा गया है कि ये उपाय इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा चरमपंथी समूहों और उनके सहयोगियों के खिलाफ सैन्य अभियानों पर लागू नहीं होते हैं।

महासभा ने 20 अप्रैल को प्रस्‍ताव हुआ था पारित 

यह संकलप कोरोना वायरस के अभूतपूर्व प्रभाव को समाप्‍त करने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग की अपील करता है। बता दें महासभा ने 20 अप्रैल को एक और प्रस्‍ताव को पारित करके कोरोना महामारी से निपटने के लिए चिकित्‍सा, टीके और चिकित्‍सा उपकरणों के विकास, विनिर्माण और इसकी पहुंच में तेजी लाने के लिए वैश्विक कार्रवाई का आग्रह किया गया था।

महासभा और परिषद के संकल्‍प में अंतर 

बता दें कि महासभा के संकल्‍प दुनिया भर की सरकारों की राय को दर्शाते हैं। ये संकल्‍प कानूनी रूप से बाध्‍यकारी नहीं होते हैं। इसके विप‍रीत सुरक्षा परिषद के संकल्‍प कानून रूप से देशों के लिए बाध्‍यकारी होते हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रवक्‍ता स्‍टीफन दुजारिक ने सोमवार को कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए परिषद का यह प्रस्‍ताव बहुत महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र की सुरक्षा परिषद में शांति और सुरक्षा के मुद्दों को प्रधानता प्रदान की गई है। उन्‍होंने कहा कि मुझे लगता है कि वैश्विक संघर्ष विराम के लिए महासचिव का आह्वान का विश्‍व शांति पर व्‍यापक असर पड़ेगा।     


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