जलते हुए घर से बच्चों को बचाया मगर किम जोंग की तस्वीर नहीं बचाई तो महिला पहुंची जेल
कोरिया में एक महिला को किम जोंग की तस्वीर न बचाने के लिए जेल की सजा मिली है। घर में आग लगने के बाद वो बच्चों को बचाकर बाहर ले आई मगर तानाशाह की तस्वीर नहीं बचाई।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। इस तरह की घटना अब से पहले शायद ही कभी सुनी गई हो। एक घर में आग लगी तो महिला ने अपने दो बच्चों को सुरक्षित बचा लिया मगर वो अपने घर में लगी नार्थ कोरिया के नेताओं की तस्वीर को नहीं बचा सकी। वो तस्वीरें आग में जल गई। कोरिया के सुरक्षा मंत्रालय की ओर से इस मामले में महिला को गिरफ्तार किया गया है। उन पर पोलिकिटल क्राइम करने का आरोप लगाया गया है। फिलहाल वो जेल में है।
क्या हुई घटना
उत्तर कोरिया के हैंग्योंग प्रांत के ओन्गॉन्ग काउंटी में दो परिवार एक साथ एक साझा किए गए घर में रहते हैं। जब घर में आग लगी उस समय दोनों अपने घर से बाहर थे मगर जब उन्होंने अपने घर से धुआं निकलते देखा तो दोनों वापस अपने घरों की ओर लौटे। दोनों ने बच्चों को तो बचा लिया मगर घर में लगे किम जोंग और अन्य नेताओं के पोट्रेट को वो नहीं बचा पाए। इस वजह से देश के राज्य सुरक्षा मंत्रालय की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
हर घर में लगी है कोरिया के नेताओं की फोटो
उत्तर कोरिया मांग करता है कि वहां रहने वाले हर घर में उनके पिछले नेताओं की तस्वीर लगी होनी चाहिए। इन नेताओं में किम इल-सुंग और किम जोंग-इल के अलावा अन्य लोगों के चित्र भी शामिल हैं। यहां सुरक्षा मंत्रालय की ओर से घरों में ये चित्र लगे हैं या नहीं इसको देखने के लिए निरीक्षक हर घर में जाते हैं। वहां उन तस्वीरों को दीवार पर लगा देखते भी हैं। उसके बाद रिपोर्ट बनाते हैं।
हर्मिट किंगडम के नियमों के अनुसार, किम परिवार के सभी चित्रों को उसी श्रद्धा के साथ रखा जाना चाहिए जैसे कि स्वयं पुरुष अपने घर में अपने चित्र लगाकर उनकी देखभाल करता है। यदि चित्रों के देखभाल में किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो उसे एक गंभीर अपराध माना जाता है। अगर दोषी पाया जाता है तो जेल की सजा भुगतनी पड़ती है। डेली एनके ने बताया कि जांच के परिणामस्वरूप, वह अपने बच्चों को अस्पताल में नहीं रख सकती और न ही उनके जलने के लिए एंटीबायोटिक्स प्राप्त कर सकती है।
हर घर में लगी है कोरिया के नेताओं की फोटो
उत्तर कोरिया मांग करता है कि वहां रहने वाले हर घर में उनके पिछले नेताओं की तस्वीर लगी होनी चाहिए। इन नेताओं में किम इल-सुंग और किम जोंग-इल के अलावा अन्य लोगों के चित्र भी शामिल हैं। यहां सुरक्षा मंत्रालय की ओर से घरों में ये चित्र लगे हैं या नहीं इसको देखने के लिए निरीक्षक हर घर में जाते हैं। वहां उन तस्वीरों को दीवार पर लगा देखते भी हैं।
उसके बाद रिपोर्ट बनाते हैं। हर्मिट किंगडम के नियमों के अनुसार, किम परिवार के सभी चित्रों को उसी श्रद्धा के साथ रखा जाना चाहिए जैसे कि स्वयं पुरुष अपने घर में अपने चित्र लगाकर उनकी देखभाल करता है। यदि चित्रों के देखभाल में किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो उसे एक गंभीर अपराध माना जाता है। अगर दोषी पाया जाता है तो जेल की सजा भुगतनी पड़ती है। डेली एनके ने बताया कि जांच के परिणामस्वरूप, वह अपने बच्चों को अस्पताल में नहीं रख सकती और न ही उनके जलने के लिए एंटीबायोटिक्स प्राप्त कर सकती है।
किम की तस्वीर को बचाने के दौरान हुई है मौत
बताया जाता है कि उत्तर कोरिया में ही एक बार एक घर में आग लग गई थी। उस दौरान घर में मौजूद बच्चों को किम जोंग के पोट्रेट के साथ जले हुए पाया गया था। इससे अंदाजा लगाया गया था कि ये बच्चे किम जोंग के पोट्रेट को बचाने के लिए उस पर गिरे होंगे और उनकी मौत हो गई। इससे ये बताया गया कि कोरिया में किम जोंग और उनके परिवार की तस्वीरों से लोग किस तरह से प्यार करते हैं। इसी तरह से 2012 में दक्षिण हैन्किओन्ग के सिंहहंग काउंटी में एक बाढ़ के बाद उसके परिवार के किम पोट्रेट्स को बचाने की कोशिश में 14 साल की हान ह्योन-ग्योंग डूब गई। उन्हें मरणोपरांत किम जोंग-इल यूथ ऑनर अवार्ड से सम्मानित किया गया और उनकी स्मृति में उनके स्कूल का नाम बदल दिया गया।
पोट्रेट के साथ गलत किया तो मिलता है दंड
कोरिया में किम जोंग के पोट्रेट के साथ गलत करने वालों के लिए नियम भी सख्त हैं। यदि कोई उनके पोट्रेट के साथ कुछ भी गलत करता है तो उसे दंड दिया जाता है। जेल के साथ कड़ी सजा मिलती है। इसी के साथ चित्रों को लटकाने के लिए भी नियम तय है। उन नेताओं के चित्र रहने वाले कमरे में सबसे प्रमुख दीवार पर होना चाहिए और उच्च स्तर पर होना चाहिए, ताकि कोई भी उनसे ऊंचा न खड़ा हो सके।
उन्हें भी साफ रखा जाना चाहिए, धूल की एक परत एक दंड के साथ दंडनीय है, इस राशि के आकार के साथ परत की मोटाई पर निर्भर है। उत्तर कोरिया के पूर्व नेताओं की छवियों को स्कूलों, रेलवे स्टेशनों और मेट्रो ट्रेनों सहित देश के सार्वजनिक स्थानों पर भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाता है।