Move to Jagran APP

Russia-Ukraine: यूक्रेनी बच्चों के लिए रूसी पत्रकार का नोबेल पदक होगा नीलाम, यूनिसेफ को मिलेगी धनराशि

रूस के वरिष्ठ पत्रकार मुरातोव यूक्रेन में चल रहे सैन्य अभियान के खिलाफ हैं। रूसी हमलों के चलते बेघर विकलांग अनाथ और पढ़ाई से दूर हुए यूक्रेनी बच्चों की सहायता के लिए उन्होंने 2021 में मिला नोबेल शांति पुरस्कार का स्वर्ण पदक नीलाम करने का फैसला किया।

By Babli KumariEdited By: Published: Tue, 21 Jun 2022 09:40 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jun 2022 09:41 AM (IST)
Russia-Ukraine: यूक्रेनी बच्चों के लिए रूसी पत्रकार का नोबेल पदक होगा नीलाम, यूनिसेफ को मिलेगी धनराशि
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित रूसी पत्रकार दिमित्री मुरातोव

न्यूयार्क, एपी । नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित रूसी पत्रकार दिमित्री मुरातोव ने यूक्रेन में बेघर हुए बच्चों की सहायता के लिए अपना पदक नीलाम करने का फैसला किया है। उनके पदक की नीलामी सोमवार रात (भारतीय समयानुसार मंगलवार तड़के) होनी है। नीलाम होने वाला नोबेल पदक 23 कैरेट सोने से निर्मित और 175 ग्राम वजन का है। उस पर महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की मुखाकृति बनी हुई है। नीलामी से मिली धनराशि संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ को मिलेगी। यह प्रतिष्ठित संस्था धनराशि को यूक्रेनी बच्चों के कल्याण के लिए खर्च करेगी।

loksabha election banner

रूस के वरिष्ठ पत्रकार मुरातोव यूक्रेन में चल रहे सैन्य अभियान के खिलाफ हैं। रूसी हमलों के चलते बेघर, विकलांग, अनाथ और पढ़ाई से दूर हुए यूक्रेनी बच्चों की सहायता के लिए उन्होंने 2021 में मिला नोबेल शांति पुरस्कार का स्वर्ण पदक नीलाम करने का फैसला किया। मुरातोव को फिलीपींस की महिला पत्रकार मारिया रेसा के साथ यह पुरस्कार दिया गया था। दोनों को अलग-अलग पदक दिए गए थे। मुरातोव का कहना है कि रूस में मीडिया की स्वतंत्रता में गिरावट आ रही है।

यूक्रेन में चल रहे सैन्य अभियान के समर्थन में बहुत कम रूसी लोग हैं। मुरातोव रूस के एक समय लोकप्रिय रहे अखबार नोवाया गजेटा के सह संस्थापक और प्रधान संपादक रहे हैं। इस अखबार का प्रकाशन 1993 में पूर्व सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव को नोबेल शांति पुरस्कार में मिली धनराशि से हुआ था। इस अखबार का रुख हमेशा सत्ताविरोधी रहा और इसने कभी भी क्रेमलिन के खिलाफ खबरें प्रकाशित करने में संकोच नहीं किया। वर्षो तक सरकार के लगाए प्रतिबंधों को सामना करते हुए इस अखबार के प्रिंट और आनलाइन संस्करण मार्च में अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गए। मुरातोव ने यह निर्णय सरकार के उस फैसले को देखते हुए लिया जिसमें सरकार के रुख के खिलाफ यूक्रेन युद्ध की खबर प्रकाशित करने पर 15 साल के कारावास की सजा का प्रविधान किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.