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अफगानिस्‍तान संकट पर रूस बोला- तालिबान को मान्‍यता देने पर अभी फैसला नहीं, हालात पर रहेगी बारीक नजर

रूस का कहना है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान को सरकार के तौर पर मान्यता देने पर अभी फैसला नहीं लिया गया है। रूस का कहना है कि इस बारे में फैसला लेने से पहले वह वहां घटनाक्रम का बारीकी से अवलोकन करेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 26 Aug 2021 06:30 PM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 12:54 AM (IST)
रूस का कहना है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान को मान्यता देने पर अभी फैसला नहीं लिया गया है।

मास्‍को, एजेंसियां। अफगानिस्‍तान में जारी मानवीय संकट पर रूस का बड़ा बयान सामने आया है। रूस का कहना है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान को सरकार के तौर पर मान्यता देने पर अभी फैसला नहीं लिया गया है। रूस का कहना है कि इस बारे में फैसला लेने से पहले वह वहां घटनाक्रम का बारीकी से अवलोकन करेगा। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रूस नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और रूसी राजनयिकों को सुरक्षा मुहैया कराने के तालिबान के कदमों पर नजर रखेगा।  

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काबुल में रूसी राजदूत दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस देखेगा कि तालिबान रूसी राजनयिकों और अफगान नागरिकों के साथ कैसा बर्ताव कर रहा है। रूस का यह आधिकारिक बयान पुतिन के उस वक्‍तव्‍य के बाद आया है जिसमें उन्‍होंने कहा है कि वह अफगानिस्तान के घरेलू मामलों में स्वाभाविक रूप से हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं। पुतिन का कहना है कि उनकी सशस्त्र सेनाएं यहां के आपसी संघर्ष में दखलंदाजी चाहती हैं। उनके हिसाब से वहां यही सब चल रहा है। अफगानिस्तान में काफी कठिन और खतरनाक स्थिति है? रूस की वहां के हालात पर बराबर नजर है।

राजदूत दिमित्री पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता देखना चाहता है। वह उम्मीद करता है कि अफगानिस्‍तान से होने वाली ड्रग्‍स की सप्‍लाई को रोकने के प्रयास किए जाएंगे। दरअसल तालिबान को लेकर रूस के रख में बदलाव आया है। अब तक तालिबान की तारीफ करने वाला रूस राष्ट्रपति पुतिन के आदेश पर काबुल से अपने नागरिकों को भी निकाल रहा है। अभी एक दिन पहले बुधवार को रूसी सेना के चार विमानों से पांच सौ से ज्यादा लोगों को काबुल से निकाला गया।

गौर करने वाली बात यह भी है कि रूस ने अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्‍क ताजिकिस्तान में अपने टैंक भी तैनात किए हैं। वह लगातार युद्धाभ्यास कर रहा है। रूस के रख में हालिया बदलाव बड़े उलटफेर के संकेत भी दे रहा है। अभी पिछले हफ्ते ही रूस के राजदूत ने तालिबान की सराहना करते हुए कहा था कि तालिबान ने पहले की सरकार की तुलना में काबुल को ज्यादा सुरक्षित बनाया है। सनद रहे रूस भी पहले अफगानिस्तान में वर्षों तक युद्ध लड़ चुका है। रूस पूर्व में तालिबान को आतंकी मानता रहा है।


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