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Rohingya Refugee News: कम नहीं हो रहींं रोहिंग्याओं की मुसीबत, पलायन करने वाले शरणार्थियों से भरी नौका पलटी; 14 शव बरामद

खराब मौसम के कारण म्यांमार से मलेशिया के लिए निकली करीब 90 रोहिंग्या रणार्थियों को लेकर निकली नौका के पलटने से कईयों की मौत हो गई वहीं कितने ही रोहिंग्याओं का पता नहीं चल पा रहा है। बचाव व राहत कार्य जारी है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 10:54 AM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 12:24 PM (IST)
Rohingya Refugee News: कम नहीं हो रहींं रोहिंग्याओं की मुसीबत, पलायन करने वाले शरणार्थियों से भरी नौका पलटी; 14 शव बरामद
रोहिंग्या शरणार्थियों से भरी एक नौका पलटी, 14 शव ; कई लापता (File Photo)

म्यांमार, रायटर्स। रोहिंग्या शरणार्थियों से भरी मलेशिया जाने वाली नौका के पलट जाने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई और कई लापता हैं। इस नौका में 90 रोहिंग्या सवार थे। इसमें बच्चे भी शामिल हैं। यह दुर्घटना खराब मौसम की वजह से हुई। म्यांमार स्थित राखिने के सित्वे से 19 मई को रवाना होने के बाद नौके को रास्ते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। अब तक 14 शवों को बरामद किया गया है लेकिन 50 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। म्यांमार में अब करीब 600,000 रोहिंग्या मुसलमान बचे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस देश में सैन्य शासन का लंबा इतिहास रहा है।

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इस साल जनवरी से मई के बीच करीब 630 रोहिंग्याओं ने समुद्र के रास्ते दूसरे देशों में शरण ली है। यह जानकारी UNHCR ने दी। एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए यूएन शरणार्थी एजेंसी की निदेशक इन्द्रिका रैटवट्टे ने इस दुर्घटना को म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय की निराशा को बताया है। उन्होंने बताया, 'यह स्तब्ध करने वाला हादसा है, इस तरह के खतरनाक सफर पर जाने वालों को अपनी जान की फिक्र नहीं होती क्योंकि ऐसे मामलों में मौतों की संख्या बढ़ रही है।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने म्यांमार में नौका हादसे में जीवित बचे लोगों के सम्बन्ध में तत्काल जानकारी प्रदान करने का अनुरोध किया है। पिछले एक दशक में रोहिंग्या समुदाय के हजारों लोगों ने बेहतर जीवन की तलाश में बांग्लादेश के काक्सेस बाजार में शरण ली और तो और म्यांमार के राखिने प्रांत से समुद्री रास्ता अपना दूसरे देशों का रुख किया। यूएन प्रतिनिधि इन्द्रिका रैटवट्टे ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्र में स्थित सभी देशों को एक साथ मिलकर, समुद्री यात्रा के दौरान खतरों का सामना करने वाले लोगों को बचाने और उन्हें तट पर सुरक्षित उतारे जाने के प्रयास करने होंगे। यूएन एजेंसी ने दोहराया है कि उचित उपाय अपनाने में विफल रहने के घातक व त्रासदीपूर्ण नतीजे होंगे।


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