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अमेरिका में भी घटी थी थाईलैंड जैसी घटना, एक गोताखोर की गई थी जान

53 साल पहले अमेरिका में भी थाईलैंड जैसी घटना हुई थी और उस वक्‍त भी एक गोताखोर को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 02:33 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 03:54 PM (IST)
अमेरिका में भी घटी थी थाईलैंड जैसी घटना, एक गोताखोर की गई थी जान

वाशिंगटन (एजेंसी)। जिस तरह आज थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्‍चों को बचाने के लिए रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चलाया गया और एक गोताखोर की जान चली गई ठीक इसी तरह 53 साल पहले अमेरिका की एक अंधेरी गुफा में भी रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन हुआ और एक गोताखोर को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

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गुफा में गए थे चार गोताखोर

नॉरफोर्क में रहने वाले स्‍टीव विल्सन ने जैसे ही थाईलैंड की गुफा में बच्‍चों के फंसने की खबर सुनी उन्‍हें 1965 की अपनी घटना याद आ गई। विल्‍सन अरकंसास गेम्स एंड फिश कमीशन के रिटायर्ड डायरेक्टर रह चुके हैं। वाशिंगटन पोस्‍ट के अनुसार, स्टीव विल्सन ने अपने तीन दोस्तों को गीले सूट टॉप, मास्क और फ्लिपर्स पहन ग्रामीण अरकंसास के एक गुफा में भरे बाढ़ के पानी में गुम होते देखा था। इन तीनों के बाद गुफा में जाने की उनकी बारी थी।

चारों को नहीं आती थी स्‍कूबा डाइविंग

विल्‍सन नर्वस थे। चारों ही स्‍कूबा डाइविंग से अंजान थे। लेकिन इन सभी को पांच मिनट का डाइविंग कोर्स कराया गया। साथ ही इन्‍हें गुफा से बाहर निकलने का एकमात्र रास्‍ता बताया गया। उनसे कहा गया कि गुफा से बाहर निकलने का यही एक रास्ता है। तेज बारिश के कारण गुफा में बाढ़ आ गई थी। उस वक्‍त विल्‍सन की उम्र 20 साल थी। गुफा में गले तक पानी भरा था और इनकी मदद के लिए एक बारीक रस्‍सी थी। 

थाईलैंड की घटना सुन भावुक विल्‍सन ने बताई कहानी

अब विल्सन थाईलैंड की गुफा में बच्‍चों के फंसने की घटना पर भावुक हैं। विल्सन ने बताया कि गुफा में आधे घंटे का वह समय घंटों की तरह मुश्‍किल था। काफी कठिनाई से रास्‍ता दिखाने वाले गोताखोर दिख रहे थे। विल्‍सन की कोशिश पानी में सामान्य तरह से सांस ले सकने की थी। उन्‍होंने बताया, ‘मैं नहीं चाहता था कि मैं मुश्किल में पड़ूं और न मेरी वजह से अन्‍य गोताखोरों को भी परेशानी हो।‘ विल्‍सन के अनुसार, इस रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में चार को बचा लिया गया लेकिन एक गोताखोर की मौत हो गई थी।

इस तरह फंसे थे थाईलैंड की गुफा में बच्चे

23 जून को वाइल्ड बोर्स टीम ने फुटबॉल मैच खेला और उसके बाद टैम लूंग गुफा तक जा पहुंचे। टीम के साथ उनके कोच भी थे। फुटबॉल टीम जैसे ही गुफा के अंदर पहुंची तेज बारिश शुरू हो गई और गुफा में पानी भर गया। साथ ही गुफा से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता बंद हो गया। 2 जुलाई को बच्‍चों के गुफा में फंसे होने की बात पता चली। इसके बाद उन्हें खाने का सामान और दवाइयां भेजी गई। रविवार से मंगलवार तक तीन दिनों में सभी बच्‍चों व कोच को निकालने में सफलता मिली।


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