मालदीव में अराजकता का माहौल बरकरार, निशाने पर राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन
पूरे देश में पिछले काफी दिनों से अराजकता का माहौल है। हाल ही में सेना ने कार्रवाई करते हुए संसद परिसर से सभी सांसदों को जबरन उठाकर बाहर फेंक दिया था।
कोलंबो, एएफपी। मालदीव में हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं। आपातकाल की अवधि को और 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। इस बीच दक्षिण एशियाई नेताओं ने मालदीव के राजनीतिक संकट को लेकर चिंता जाहिर की है। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने संसद में आपातकाल की अवधि को बढ़ाने का अनुरोध किया था, जिसे मंजूरी दे दी गई है।
संसद के उपाध्यक्ष सांसद मूसा मानिक ने आज एक बैठक के दौरान अनुरोध को स्वीकार किए जाने की पुष्टि की। यामीन के कार्यालय ने कहा था कि आपातकाल को बढ़ाने का अनुरोध इसलिए किया गया, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर खतरा कम नहीं हुआ है और अभी तक राजनीतिक संकट का हल नहीं निकल पाया है।
पूरे देश में पिछले काफी दिनों से अराजकता का माहौल है। हाल ही में सेना ने कार्रवाई करते हुए संसद परिसर से सभी सांसदों को जबरन उठाकर बाहर फेंक दिया था। राजनीतिक संकट की शुरुआत तब हुई, जब राष्ट्रपति यामीन ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इंकार कर दिया।
विधायकों के एक क्षेत्रीय समूह 'साउथ एशियन एंड पार्लियामेंटेरियंस' ने मालदीव के स्पीकर से अनुरोध किया है वे यह सुनिश्चित करें कि पूरी तरह से कानून का पालन हो। इस समूह के चेयरमैन और श्रीलंका के स्पीकर कारु जयसूर्या ने एक बयान में कहा कि आपातकाल की घोषणा, गिरफ्तारी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अनादर कानून व्यवस्था और न्यायपालिका की आजादी को कमतर करता है।
आपको यह भी बता दें कि मालदीव में राष्ट्रपति यामीन के इस्तीफे और उनके राजनीतिक विरोधियों की जेल से रिहाई की मांग को लेकर देशभर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की कार्रवाई में दर्जनों विपक्ष समर्थक घायल हुए हैं और कई अन्य को गिरफ्तार किया गया है। देश में आपातकाल लगे होने के बावजूद हजारों लोग इस द्वीप देश में विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं।