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फ्रांस में मुस्लिम संगठनों के ठिकानों पर छापे, 213 कट्टरपंथियों को वापस उनके देश भेजने की तैयारी

शिक्षक की दिनदहाड़े हत्या के बाद फ्रांस पुलिस ने सोमवार को इस्लामिक संगठनों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक कई जगहों पर छापेमारी की गई है और संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 07:59 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 04:05 AM (IST)
फ्रांस की पुलिस ने सोमवार को इस्लामिक संगठनों के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ दिया।

पेरिस, रायटर। शिक्षक की दिनदहाड़े हत्या के बाद फ्रांस की पुलिस ने सोमवार को इस्लामिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का व्यापक अभियान छेड़ दिया। तमाम जगहों पर छापेमारी की गई है और संदिग्ध विदेशियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। बीते शुक्रवार को चेचेन मूल के आतंकी युवक ने शिक्षक सैम्युएल पैटी की उनके स्कूल के बाहर गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कुछ ही देर बाद उस युवक को भी ढेर कर दिया था।

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कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों के खिलाफ आर्थिक कार्रवाई के वित्त मंत्री के संकेत के बाद फ्रांस की पुलिस ने सोमवार को उनके ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी। गृह मंत्री जेराल्ड डरमेनिन ने कहा कि सोशल मीडिया पर घृणास्पद पोस्ट करने वाले 50 संगठनों के लोग सरकार के निशाने पर हैं। इनके ऑनलाइन पोस्ट से संबंधित 80 मामलों में जांच शुरू कर दी गई हैं। दो लोगों ने पैटी के खिलाफ फतवा जारी कर कार्रवाई की मांग की थी।

इन सहित कई अन्य मामलों में पुलिस कार्रवाई कर रही है। सूत्रों के अनुसार कट्टरपंथी विचारधारा के 213 विदेशी लोगों को वापस उनके देश भेजने की तैयारी हो रही है। इनमें से 150 लोग जेल में हैं। ये सभी लोग सरकार की निगरानी सूची में हैं। पैटी की हत्या के मामले में अभी तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के रडार पर वे लोग भी हैं जिन्होंने पैटी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था।

इन लोगों ने पैटी द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पढ़ाई कराते समय पैगंबर मुहम्मद का कार्टून दिखाए जाने को गलत माना था। न्यायिक व्यवस्था से जुड़े सूत्र के अनुसार मोरक्को में जन्मा आब्देल हाकिम सेफरूई नाम का शख्स वर्षो से सोशल मीडिया पर मुस्लिमों के पक्ष में अभियान चलाकर फ्रांस सरकार पर दबाव बनाता आ रहा है।

उल्‍लेखनीय है कि साल 2011 में पेरिस के नजदीक सेंट ओयून नाम के कस्बे में एक हाईस्कूल द्वारा मुस्लिम लड़कियों के पहनावे पर रोक लगाने पर आब्देल हाकिम सेफरूई ने उसके खिलाफ अभियान छेड़ दिया था। बाद में स्कूल को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था। आब्देल पिछले 15 वर्षों से फ्रांसीसी खुफिया एजेंसियों की निगरानी सूची में है। इस बार उस पर भी कार्रवाई हो सकती है। 


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