Move to Jagran APP

हकीकत से अभी दूर हैं क्वांटम कंप्यूटर, 10 सालों तक बाजार में आने के आसार नहीं

वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 10 वर्षो तक भी बाजार में भविष्य के कंप्यूटर उपलब्ध नहीं हो पाएंगे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 12:16 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 12:16 PM (IST)
हकीकत से अभी दूर हैं क्वांटम कंप्यूटर, 10 सालों तक बाजार में आने के आसार नहीं
हकीकत से अभी दूर हैं क्वांटम कंप्यूटर, 10 सालों तक बाजार में आने के आसार नहीं

लिंडाउ (जर्मनी), प्रेट्र। कंप्यूटर की दुनिया का भविष्य माने जाने वाले सुपरफास्ट ‘क्वांटम कंप्यूटर’ का इंतजार सभी को है। क्योंकि ‘क्वांटम मैकेनिक्स’ से लैस ये कंप्यूटर सामान्य कंप्यूटरों के मुकाबले कई गुना तेजी से समस्याओं को सुलझा सकते हैं, लेकिन जर्मनी के नोबेल पुरस्कार विजेता क्लाउस वॉन क्लिटिंग सहित कई वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 10 वर्षो तक भी बाजार में ‘क्वांटम कंप्यूटर’ उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। हालांकि, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इन कंप्यूटरों का विकास होने से विज्ञान के क्षेत्र में शोधकर्ताओं को अभूतपूर्व सफलता हाथ लग सकती है। इनकी मदद से जीवन रक्षक दवाओं के निर्माण के साथ-साथ बीमारियों का भी तेजी से निदान किया जाएगा।

loksabha election banner

‘इंटिजर क्वांटम हॉल इफेक्ट’ की खोज के लिए 1985 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार पाने वाले 76 वर्षीय क्लिटिंग ने कहा कि क्वांटम कंप्यूटर जब भी बाजारों में उपलब्ध होंगे, वे अनुसंधान और उद्योगों में ज्यादातर प्रयुक्त होने वाले पारंपरिक प्रणालियों (कंप्यूटरों) को प्रतिस्थापित नहीं कर पाएंगे। 69वें ‘लिंडाउ नोबेल लैक्चरेट मीटिंग’ में उन्होंने कहा ‘मुङो नहीं लगता कि अगले दस वर्षो तक भी क्वांटम कंप्यूटर लांच हो पाएंगे। यदि ये लांच हो भी गए तो आम लोगों की जिंदगी का हिस्सा नहीं बन पाएंगे।’

अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्डस एंड टेक्नोलॉजी (एनआइएसटी) की एलिना जॉर्डन ने कहा कि वह क्लिटिंग से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर क्वांटम कंप्यूटर आधुनिक कंप्यूटरों से कई बेहतर काम करेंगे, लेकिन निकट भविष्य में ये कंप्यूटर उपलब्ध नहीं हो सकते, क्योंकि अभी तक इन्हें पूरी तरह तैयार नहीं किया जा सका है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो, बोल्डर की शोधकर्ता जॉर्डन ने कहा कि कुछ छोटे क्वांटम कंप्यूटरों की कार्यप्रणाली को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इनकी क्या क्षमता हो सकती है, लेकिन ज्यादातर शोधकर्ता अभी भी इसके सिग्नल गेट और ‘स्पीड’ (गति) पर काम कर रहे हैं ताकि ये और बेहतर तरीके से काम कर सकें। उन्होंने कहा कि अभी सभी प्रोग्रामों से लैस सुपरफास्ट क्वांटम कंप्यूटरों का सपना साकार होना दूर की कौड़ी है। जॉर्डन ने उम्मीद जताई है कि अध्ययनों के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले ‘कंप्यूटर सिमुलेशन’ के क्षेत्र में क्वांटम कंप्यूटर अभूतपूर्व बदलाव लाएंगे, क्योंकि आम कंप्यूटरों में सिमुलेशन के जरिये अध्ययन के परिणाम निकालने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

क्या होंगे फायदे

ऑस्टिया के इंस्टीट्यूट फॉर क्वांटम ऑप्टिक्स एंड क्वांटम इन्फॉर्मेशन के मनोज के जोशी ने कहा कि ‘क्वांटम कंप्यूटर’ नए विचारों और सिद्धांतों से लैस होंगे। नए सिद्धांतों के आधार पर नई सामग्री, दवाओं या उपकरणों का निर्माण किया जा सकता है। यह तकनीकी प्रगति और मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में हमारी मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि छोटे और साधारण क्वांटम कंप्यूटर प्रयोगशालों से बाहर आने को तैयार हैं पर पूरी तरह स्वचालित और मशीनरी से लैस कंप्यूटरों के लिए अभी आपको कुछ इंतजार करना होगा। आइएमबी क्यू, डीवेव, गूगल एएआइ जैसी कई कंपनियां इन्हें बनाने के लिए प्रयासरत हैं।

आम कंप्यूटर से है अलग

कंप्यूटर में कैलकुलेशन के लिए बिट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें डेटा को जीरो और एक की फॉर्म में रखा जाता है। इसका प्रयोग मशीनी भाषा में प्रोग्राम लिखने के लिए किया जाता है। कोई भी सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के लिए तैयार किया जाता है तो उसे मशीनी भाषा में कंवर्ट किया जाता है और प्रोसेसर जब किसी सॉफ्टवेयर को कैच करता है तो इसी मशीनी भाषा का इस्तेमाल करके सभी प्रोसेस पूरे किए जाते हैं, लेकिन क्वांटम कंप्यूटर में परमाणु (एटम) से कैलकुलेशन की जा सकती है।

ऐसे करता है काम

परमाणु प्राकृतिक रूप से घूमता रहता है। यह या तो ऊपर की घूमेगा या नीचे की ओर। अगर डिजिटल तकनीक के हिसाब से देखें तो प्रत्येक चीज को शून्य (जीरो) और एक की फॉर्म में रखा जाता है। यानी परमाणु का ऊपर जाने वाला चक्रण एक हो सकता है और नीचे आने वाला चक्रण शून्य (जीरो) हो सकता है, लेकिन अगर इस चक्रण का मापन किया जाए तो यह एक ही समय में ऊपर या नीचे दोनों तरफ हो सकता है। इसी वजह से यह पारंपरिक कंप्यूटर के बिट के बराबर नहीं होता। इसीलिए इसे क्यूबिट्स कहा जाता है, जिसे क्वांटम बिट्स भी कहा जाता है। क्यूबिट्स बिट्स के मुकाबले काफी अलग होता है। बिट्स में जो इन्फॉर्मेशन होती है वह या तो शून्य में हो सकती है या एक की फॉर्म में हो सकती है लेकिन क्यूबिट्स में जो इन्फॉर्मेशन होती है वह एक ही बार में शन्यू और एक दोनों ही फॉर्म में हो सकती है, जिसे कंप्यूटेशन स्पीड काफी ज्यादा बढ़ जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.