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Russia Ukraine Dispute: युक्रेन जंग के बीच पुतिन ने उठाया ये बड़ा कदम, 15 फीसद युक्रेनी क्षेत्र को रूस में मिलाने के लिए जनमत संग्रह

युक्रेन के लुहांस्क डोनेस्क खेरसान और जपोरीजिया क्षेत्रों के रूस में शामिल होने के प्रस्ताव पर जनमत संग्रह शुरू हो गया है। 23 सितंबर को शुरू हुई मतदान प्रक्रिया 27 सितंबर तक चलेगी। रूसी राष्ट्रपति ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में इस आशय की घोषणा की थी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 07:22 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 07:24 PM (IST)
Russia Ukraine Dispute: युक्रेन जंग के बीच पुतिन ने उठाया ये बड़ा कदम, 15 फीसद युक्रेनी क्षेत्र को रूस में मिलाने के लिए जनमत संग्रह
Russia Ukraine Dispute: युक्रेन जंग के बीच पुतिन का बड़ा कदम। एजेंसी।

कीव, एजेंसी। Russia Ukraine Dispute: युक्रेन के लुहांस्क, डोनेस्क, खेरसान और जपोरीजिया क्षेत्रों के रूस में शामिल होने के प्रस्ताव पर जनमत संग्रह शुरू हो गया है। 23 सितंबर को शुरू हुई मतदान प्रक्रिया 27 सितंबर तक चलेगी। रूसी राष्ट्रपति ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में इस आशय की घोषणा की थी। युक्रेन और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों ने जनमत संग्रह की निंदा की है और उसे अवैध करार दिया है। रूस के इस कदम से हालात और बिगड़ने की आशंका है।

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनबास (लुहांस्क और डोनेस्क प्रांत) की मुक्ति को रूसी सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य बताया है। रूसी भाषा बोलने वालों की बहुलता वाले इस क्षेत्र को जनमत संग्रह के जरिये रूस से मिलाने की कार्रवाई वैसे ही हो रही है जैसी कि 2014 में रूस ने युक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप को मिलाया था। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने रूस से इस जनमत संग्रह को रोकने की अपील की है। इसके भयंकर दुष्परिणाम की चेतावनी दी है।

युक्रेन ने कहा है कि क्षेत्र के लोगों को प्रस्ताव के पक्ष में मतदान के लिए धमकाया जा रहा है। रूस में शामिल होने के लिए मत न देने पर दंडित करने की चेतावनी दी जा रही है। जनमत संग्रह वाले क्षेत्रों के जो लोग पलायन करके रूस चले गए हैं उनके लिए मास्को में 20 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। यूक्रेन के जीते गए जिन क्षेत्रों में जनमत संग्रह हो रहा है, वह देश का 15 प्रतिशत भूभाग है। यहां पर युक्रेन के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र और बड़ी मात्रा में प्राकृतिक संपदा है। अगर इस पर रूस का कब्जा बना रहता है तो युक्रेन को आने वाले समय में बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

युक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वह रूसी कब्जे को स्वीकार नहीं करेंगे और प्रत्येक इंच जमीन मुक्त होने तक लड़ाई जारी रहेगी। जबकि रूस के पूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि रूस में शामिल होने वाले इलाकों में परमाणु हथियारों की भी तैनाती की जाएगी। उन पर कब्जे की कोशिश करने वालों से पूरी ताकत से निपटा जाएगा। बुधवार के अपने संबोधन में पुतिन ने भी जरूरत पड़ने पर परमाणु हथियार के इस्तेमाल के संकेत दिए थे।


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