Move to Jagran APP

म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शकारियों का ‘हल्ला बोल’, तख्तापलट के बाद से करीब 842 की गई जान

सामाजिक कार्यकर्ता जायर ल्विन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में बताया कि गुरुवार को हुए प्रदर्शन से सेना को हम बताने चाहते थे की म्यांमार के लोग कभी भी देश में आर्मी शासन को मंजूर नहीं करेंगे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 11:15 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 11:15 PM (IST)
म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शकारियों का ‘हल्ला बोल’, तख्तापलट के बाद से करीब 842 की गई जान
लोकतंत्र के समर्थन में यांगून की सड़कों पर हुआ प्रदर्शन

यांगून, रॉयटर्स। गुरुवार को म्यांमार की पूर्व राजधानी यांगून में भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। करीब 400 लोगों ने लोकतंत्र के समर्थन में शहर की सड़कों पर प्रदर्शन किया। ये लोग देश में सैन्य शासन के विरोध में सड़कों पर उतरे थे। म्यांमार में करीब 4 महिनों पहले सेना ने जनता की चुनी हुई आंग सान सू की सरकार का तख्तापलट कर दिया था, लेकिन सेना अभी तक देश में सैन्य शासन लगाने में सफल नहीं हो पाई है।

loksabha election banner

सामाजिक कार्यकर्ता जायर ल्विन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में बताया कि, गुरुवार को हुए प्रदर्शन से सेना को हम बताने चाहते थे की म्यांमार के लोग कभी भी देश में सैन्य शासन को मंजूर नहीं करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि तख्तापलट होने के महीनों बाद अब हमें चालाकी के साथ रैलियां करनी पड़ती हैं, क्योंकि अक्सर बड़ी रैलियों में पुलिस के साथ भिड़ंत हो जाती है। इस दौरान पुलिस फायरिंग भी कर देती है। जायर ल्विन बताती हैं की उन्होंने तख्तापलट के खिलाफ आवाज उठाने की कसम खाई है।

म्यांमार में तख्तापलट के बाद से करीब 842 लोगों ने गवाई जान

आंकड़ों के मुताबिक म्यांमार में तख्तापलट के बाद से करीब 842 लोगों ने सेना के साथ संघर्ष करते हुए अपनी जान गवाई है। एक प्रदर्शनकारी के अनुसार पिछले महीने हुए प्रदर्शनों में करीब 300 लोगों की जान गई थी, जिसमें 47 पुलिस के लोग भी शामिल थे। तख्तापलट के बाद म्यांमार के शहरों में फैली अशांती से ग्रामीण इलाकों में भारी तबाही का माहौल है। सेना और पुलिस के साथ चल रहे संघर्ष ने देश के हजारों लोगों को बेघर कर दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.