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भारत के रास्ते अमेरिका भागने की फिराक में थी दुबई की शहजादी

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भागने का प्रयास करने वाली शहजादी शेख लातिफा बिन मुहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम को लेकर रहस्य बरकरार है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 06:46 PM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 06:46 PM (IST)
भारत के रास्ते अमेरिका भागने की फिराक में थी दुबई की शहजादी
भारत के रास्ते अमेरिका भागने की फिराक में थी दुबई की शहजादी

पेरिस, एएफपी। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भागने का प्रयास करने वाली शहजादी शेख लातिफा बिन मुहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम को लेकर रहस्य बरकरार है। वह दुबई के शासक मुहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम की बेटी बताई जा रही हैं। उन्होंने इस साल मार्च में एक याट के जरिये भारत पहुंचने का प्रयास किया था। जहां से वह अमेरिका भागने की फिराक में थीं लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाई।

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-भारतीय नौसेना ने अरब सागर में पकड़ी थी याट

-यूएई को सौंपे जाने के बाद से नहीं दिखाई दी शहजादी

भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में उनकी याट को पकड़कर यूएई के हवाले कर दिया था। इस घटना के बाद से उनके दिखाई नहीं पड़ने पर कई मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है।

मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने दुबई के अधिकारियों से 32 वर्षीय लातिफा के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया है। यूएई प्रशासन के करीबी सूत्र के अनुसार, लातिफा दुबई में अपने परिवार के साथ हैं। लेकिन उन्हें भागने में मदद करने वालों का दावा है कि फरवरी के आखिर में जब वह भागकर ओमान की सीमा में चली गई थीं तो उन्हें पकड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया गया था। लातिफा ने मार्च में यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि वह अपने परिवार के गलत बर्ताव और प्रतिबंधों के चलते दुबई से भाग रही हैं।

फिनलैंड और फ्रांस के नागरिकों ने की थी भागने में मदद

लातिफा को भागने में उनकी मार्शल आर्ट की शिक्षिका टीना योहानेन और फ्रांसीसी नागरिक हर्वे जुबर्ट ने मदद की थी। हर्वे का दावा है कि वह फ्रांस की खुफिया सेवा के एजेंट रह चुके हैं। योहानेन का कहना है कि ओमान पहुंचने पर वह और लातिफा भारत पहुंचने के मकसद से एक याट में सवार हो गए। याट को हर्वे चला रहे थे। लेकिन चार-पांच मार्च की रात भारतीय नौसेना ने याट को घेर लिया और यूएई को सौंप दिया। हर्वे और योहानेन को 22 मार्च तक हिरासत में रखा गया और फिर देश से निकाल दिया गया।


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