वियतनाम में बोले राष्ट्रपति कोविंद, भारत का सहयोग मॉडल मित्रों को देता है बढ़ने का मौका
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की यह पहली दक्षिण पूर्व एशिया की यात्रा है।
हनोई, एएनआइ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय वियतनाम दौरे पर हैं। वियतनाम की राजधानी हनोई स्थित नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत ऐसा सहयोग मॉडल पेश करता है, जिसमें उसके मित्रों को चुनाव नहीं करना पड़ता है, बल्कि अपने चुनावों और अवसरों को बढ़ाने का मौका मिलता है, जिससे सिर्फ एक नहीं, बहुत से रास्ते खुल जाते हैं।
उन्होंने बताया कि लगभग 2,000 साल पहले, चाम साम्राज्य इतिहास की महान सभ्यताओं में से एक का प्रतीक था। वियतनाम से, यह समुद्र भर में कारोबार करता था। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन वियतनाम दक्षिण भारत के पल्लव और चोल साम्राज्यों के साथ व्यापारिक संबंधों का विकास कर रहा था।
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वियतनाम में भारतीय समुदाय के लोगों की द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने के लिए सोमवार को सराहना की तथा उनसे भारत के साथ जुड़ने, सहयोग तथा आगे बढ़ने के लिए नए अवसरों का लाभ उठाने को कहा। राष्ट्रपति कोविंद ने यहां भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में कहा, 'मैं आपको इस यात्रा में ज्ञान का साझेदार, निवेशक के तौर पर और सांस्कृतिक राजदूत के रूप में साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करता हूं।'
राष्ट्रपति कोविंद ने सोमवार को वियतनाम के सबसे बड़े शहर दा नांग में बने चाम मूर्तिकला संग्रहालय का दौरा भी किया। इस दौरान भारत की प्रथम महिला व उनकी पत्नी सविता कोविंद भी उनके साथ मौजूद रहीं। इस संग्रहालय में चौथी से 13वीं शताब्दी के बीच की कलाकृतियां मौजूद हैं। यहां भगवान राम और सीता की शादी की कलाकृति और नक्काशीदार शिवलिंग भी मौजूद है।
बता दें कि बतौर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की यह पहली दक्षिण पूर्व एशिया की यात्रा है। राष्ट्रपति कोविंद दो देशों की अपनी यात्रा के तहत आस्ट्रेलिया भी जाएंगे।