भारत को अनलॉक करने में देश की जनसंख्या बनी चुनौती: WHO
भारत में लॉकडाउन को खोलने की शुरुआत तो हो गई लेकिन यहां की जनसंख्या ही देश के लिए चुनौती बन रही है।
संयुक्त राष्ट्र, आइएएनएस। भारत में लॉकडाउन को खोलने की शुरुआत तो हो गई लेकिन यहां की जनसंख्या ही देश के लिए चुनौती बन रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) की डिप्टी डायरेक्टर जनरल सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) ने सोमवार को बताया कि यहां की जनसंख्या तो चुनौती है लेकिन देश में कुछ बेहतरीन संस्थाएं हैं जो इससे निपट लेंगी। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि काफी बड़ी चुनौतियां हैं लेकिन एक खास चुनौती यहां की अधिक जनसंख्या है, खासकर शहरी क्षेत्रों में।'
वर्ष 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर से निकले घातक कोरोना वायरस के कारण महामारी के संकट से पूरी दुनिया संघर्ष कर रही है। WHO के अनुसार, पूरी दुनिया में 1 जून तक कोविड-19 संक्रमण के कुल मामले 6,057,853 हो गए जिसमें से 371,166 लोगों की मौत हो गई। हाल में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक स्वामीनाथन ने कहा था कि कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने में चार से पांच साल का समय लग सकता है। साथ ही उम्मीद जताई थी कि एक प्रभावी टीके से वायरस का अंत हो सकता है।
भारत की तारीफ
स्वामीनाथन ने अन्य देशों के मुकाबले कोरोना वायरस (Coronavirus) से फैलने वाली महामारी और उससे होने वाली मौत के आंकड़ों को बेहद कम रखने के लिए भारत (India) की सराहना की और कहा कि वह कोविड-19 की दवा (Covid-19) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को आने वाले कई महीनों और संभवत: सालों तक संक्रमण के प्रसार के लिए तैयार रहना होगा।
हरित क्रांति लाने वाले एमएस स्वामीनाथन की बेटी हैं सौम्या
सौम्या स्वामीनाथन भारत में हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन की बेटी हैं। मां मीना स्वामीनाथन एक प्रसिद्ध शिक्षाविद हैं। एचआईवी और तपेदिक की प्रमुख शोधकर्ता डॉ. सौम्या स्वामीनाथन प्रसिद्ध चिकित्सा शोधकर्ता और स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ भी हैं। वो पहली भारतीय हैं जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन में डिप्टी जनरल का पद हासिल हुआ। इससे पहले स्वामीनाथन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की महानिदेशक थीं। सौम्या स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग की सचिव भी हैं।