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पोप फ्रांसिस ने कहा- कोरोना वैक्सीन में अमीरों को वरीयता देकर गरीबों को पीछे न छोड़ा जाए

पोप फ्रांसिस ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बहुत से गरीबों को घर से काम करने की सुविधा नहीं दी गई। इसके चलते उनमें से बहुतों ने अपना रोजगार खो दिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 07:31 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 07:31 PM (IST)
पोप फ्रांसिस ने कहा- कोरोना वैक्सीन में अमीरों को वरीयता देकर गरीबों को पीछे न छोड़ा जाए
पोप फ्रांसिस ने कहा- कोरोना वैक्सीन में अमीरों को वरीयता देकर गरीबों को पीछे न छोड़ा जाए

वेटिकन सिटी, एपी। कोरोना वायरस से बचाव की वैक्सीन की उपलब्धता में किसी तरह का भेदभाव न बरता जाए। इसमें अमीरों को वरीयता देकर गरीबों को पीछे न छोड़ा जाए। यह बात ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कही है। वह श्रद्धालुओं की साप्ताहिक सभा को संबोधित कर रहे थे।

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पोप ने कहा- बिना भेदभाव के प्रयास किए जाने पर कोरोना से छुटकारा मिल सकता है

पोप ने कहा, कोविड-19 महामारी एक त्रासदी है। इससे तभी छुटकारा पाया जा सकता है जब बिना भेदभाव के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए हमें स्वस्थ और अच्छे तौर-तरीके अपनाने होंगे। महामारी फैलने के बाद पोप ने कहा था कि हम तब तक सामान्य स्थितियों में नहीं आ सकते-जब तक सही मायनों में सामाजिक न्याय और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना बंद नहीं होता।

पोप ने कहा- कोरोना वैक्सीन में अमीरों को न मिले वरीयता, गरीबों की न हो अनदेखी

उन्होंने सवाल उठाया कि यह कितना दुखी करने वाला होगा, यदि वैक्सीन सबसे पहले अमीरों को मिले। यह बहुत बड़ा घोटाला होगा यदि सारी सरकारी मदद केवल उद्योगों को दे दी जाए और गरीबों व पर्यावरण की सहायता की अनदेखी कर दी जाए।

पोप ने कहा- कोरोना महामारी ने दुनिया में गरीबों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी

पोप ने कहा, महामारी ने दुनिया में गरीबों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। इससे गैर बराबरी और बढ़ी है। वायरस ने सभी को अपनी चपेट में लिया है। उसने लोगों को अपना शिकार बनाने में कोई भेद नहीं देखा। वह बर्बादी, गरीबी और गैर बराबरी पैदा करता चला गया। आने वाले समय में ये सारी असमानताएं और बढ़ेंगी।

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था को घुटनों पर ला दिया

महामारी के दौरान बहुत से गरीबों को घर से काम करने की सुविधा नहीं दी गई। इसके चलते उनमें से बहुतों ने अपना रोजगार खो दिया। ऐसा शारीरिक दूरी को बनाने के लिए बहुत से देशों में हुआ। दुनिया के बड़े हिस्से में गरीबों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा भी नहीं मिल पा रही है। छोटे से वायरस ने पूरी दुनिया की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था को घुटनों पर ला दिया है।


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