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पोंपियो ने श्रीलंका की धरती से चीन पर साधा निशाना, कहा- चीन का रवैया धमकाने वाला

चीन का रवैया गैर-कानूनी और धमकाने वाला है वह छोटे देशों को धमकी देकर अपने कर्ज जाल में फंसाता है और फिर उनके साथ मनमानी करता है। अमेरिका एक मित्र की हैसियत से श्रीलंका की संप्रभुता का पक्षधर है और वैश्विक स्तर पर उसे अपना सहयोगी मानता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 10:00 PM (IST)
पोंपियो ने श्रीलंका की धरती से चीन पर साधा निशाना, कहा- चीन का रवैया धमकाने वाला
श्रीलंका ने अमेरिका को बताया द्वीपीय देश की संप्रभुता का पक्षधर।

कोलंबो, एजेंसियां। चीन से खास संबंध रखने वाले श्रीलंका की धरती पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो बुधवार को चीन पर खूब बरसे। कहा, चीन का रवैया गैर-कानूनी और धमकाने वाला है, वह छोटे देशों को धमकी देकर अपने कर्ज जाल में फंसाता है और फिर उनके साथ मनमानी करता है। पोंपियो ने कहा, अमेरिका एक मित्र की हैसियत से श्रीलंका की संप्रभुता का पक्षधर है और वैश्विक स्तर पर उसे अपना सहयोगी मानता है। अमेरिका हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्वतंत्र आवागमन का पक्षधर है। पोंपियो श्रीलंका पहुंचे अमेरिकी सरकार के सबसे बड़े पद वाले व्यक्ति हैं।

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पोंपियो ने कहा- श्रीलंका को लेकर अमेरिका का नजरिया चीन से बहुत अलग है

विदेश मंत्री दिनेश गुणव‌र्द्धने के साथ वार्ता के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पोंपियो ने कहा, श्रीलंका को लेकर अमेरिका का नजरिया चीन से बहुत अलग है। श्रीलंकाई नेतृत्व के साथ उनकी वार्ता द्वीपीय देश की संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर हुई है। हम दोनों लोकतांत्रिक मूल्यों वाले देश हैं।

पोंपियो ने श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के दिए संकेत

पोंपियो ने श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के भी संकेत दिए। श्रीलंका और मालदीव में अरबों डॉलर के निवेश के भी संकेत दिए। कहा कि अमेरिकी कारोबारी चीन की कंपनियों से बेहतर हैं। अमेरिकी कंपनियां धरती पर सबसे ज्यादा विश्वसनीय सहयोगी हैं, वे तय नियमों पर पारदर्शिता के सिद्धांत पर चलती हैं। अमेरिका लोकतांत्रिक और स्वतंत्र श्रीलंका के साथ हर तरह का रिश्ता बढ़ाना चाहता है। पोंपियो ने बताया कि उन्होंने श्रीलंका के नेताओं से कोविड महामारी के संबंध में भी बातचीत की है, जो चीन के वुहान शहर से फैली है। पोंपियो ने बताया कि श्रीलंकाई नौसेना के अधिकारी अमेरिका में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। दो कोस्ट गार्ड कटर भी अमेरिका ने श्रीलंका को मुफ्त में दिए हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कोलंबो के सेंट एंथनी चर्च का किया दौरा

अमेरिकी विदेश मंत्री ने संबंध बढ़ाने वाले इस दौरे में कोलंबो के सेंट एंथनी चर्च का भी दौरा किया। यहां पर 2019 में ईस्टर संडे पर हुए आतंकी हमले में सैकड़ों श्रद्धालु मारे गए थे। उनमें पांच अमेरिकी भी थे। पोंपियो ने उनके प्रति संवेदना का इजहार किया। जबकि श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कहा कि श्रीलंका अमेरिकी विदेश मंत्री का स्वागत करता है। श्रीलंका हमेशा से गुट निरपेक्ष देश रहा है और वह अपनी यह पहचान बनाए रखेगा।

मालदीव में दूतावास खोलेगा अमेरिका

चीन को घेरने की नीयत से अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने बुधवार को श्रीलंका के बाद मालदीव का भी दौरा किया। राष्ट्रपति इब्राहीम सोलिह से वार्ता के बाद पोंपियो ने हिंद महासागर के छोटे, लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश मालदीव में जल्द ही अमेरिकी दूतावास खोलने की घोषणा की। अभी तक श्रीलंका स्थित अमेरिकी दूतावास से ही यहां के द्विपक्षीय मामले देखे जाते थे। पोंपियो और सोलिह की वार्ता में दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। पोंपियो ने सोलिह के साथ हुई वार्ता को बेहद अच्छा बताया।

अमेरिकी कंपनी का वियतनाम से बड़ा समझौता

अमेरिकी कंपनी एईएस जल्द ही वियतनाम की कंपनी पेट्रो वियतनाम के साथ 2.8 अरब डॉलर (20,800 करोड़ रुपये) का तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का समझौता करेगी। वियतनाम की राजधानी हनोई में हो रहे व्यापार सम्मेलन में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने प्री रिकॉर्डेड संदेश में यह जानकारी दी। इस समझौते के तहत वियतनाम में अमेरिका से एलएनजी का आयात होगा। पोंपियो ने कहा, इस सौदे से दोनों देशों को बड़ा फायदा होगा।


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