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हांगकांग में फिर सामने आए पुलिस और प्रदर्शनकारी, आंसू गैस का इस्तेमाल कर कई लोगों को किया गया गिरफ्तार

काले कपड़े पहने प्रदर्शनकारियों ने छाते और मेज-कुर्सी लगाकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और पत्थरों से स्ट्रीट लाइट तोड़ डालीं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 07:58 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 08:13 PM (IST)
हांगकांग में फिर सामने आए पुलिस और प्रदर्शनकारी, आंसू गैस का इस्तेमाल कर कई लोगों को किया गया गिरफ्तार
हांगकांग में फिर सामने आए पुलिस और प्रदर्शनकारी, आंसू गैस का इस्तेमाल कर कई लोगों को किया गया गिरफ्तार

हांगकांग, रायटर। हांगकांग की पुलिस ने रविवार को यहां एक पार्क में एकत्र हुए हजारों लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। मीडिया में आई तस्वीरों में पुलिस प्रदर्शनकारियों का पीछा करती दिख रही है। कई को गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बख्तरबंद वाहन और वाटर कैनन का भी इंतजाम किया था, लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं किया गया।

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'यूनिवर्सल सीज अगेंस्ट कम्युनिज्म' नामक इस प्रदर्शन के लिए आयोजकों ने आवेदन किया था, लेकिन पुलिस ने सिर्फ रैली की अनुमति दी थी। रैली शुरू होते ही प्रदर्शनकारी उग्र हो उठे। काले कपड़े पहने प्रदर्शनकारियों ने छाते और मेज-कुर्सी लगाकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और पत्थरों से स्ट्रीट लाइट तोड़ डालीं।

पुलिस ने कहा है कि दो पुलिसकर्मियों पर छड़ी से हमला किया गया जिससे उनके सिर पर चोट आई। प्रदर्शनकारियों की तलाशी लेने का काम कर रहे पुलिसवालों पर पानी की बोतलें भी फेंकी गई।

चीनी कारोबारियों के खिलाफ प्रदर्शन

वहीं कुछ दिन पहले ही हांगकांग में नारेबाजी करते हजारों प्रदर्शनकारियों ने चीनी कारोबारियों पर अपना गुस्सा उतारा था। एक स्थान पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों का टकराव भी हुआ। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और मिर्च का धुंआ छोड़ा था। यहां से पुलिस ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था। आंदोलनकारी इन कारोबारियों के वापस चीन जाने की मांग कई महीनों से कर रहे थे।

गौरतलब है कि शेउंग शुई में हुए इस प्रदर्शन के निशाने पर वे चीनी कारोबारी थे जो हांगकांग से बड़ी मात्र में ड्यूटी फ्री सामान खरीदते हैं और उन्हें चीन ले जाकर फायदे में बेच देते हैं। इस तरह के सामान से हांगकांग को कोई राजस्व प्राप्त नहीं होता और जबकि चीन को राजस्व और कारोबारी को लाभ प्राप्त होता है। हांगकांग के लोगों का कहना है कि माल की मांग बढ़ने से स्थानीय व्यापारी खुदरा सामान मंहगी दरों पर बेचते हैं जिसका असर स्थानीय लोगों पर होता है।


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