पोलैंड वासियों ने बिना फोन के बिताया एक दिन, आखिर क्या है मकसद
पोलैंड में फोन के लत की बीमारी बढ़ती जा रही है, इससे छुटकारा दिलाने व लोगों को वास्तविक दुनिया से परिचित कराने के लिए चलाया जा रहा है 'डे विदआउट सेल फोन' अभियान।
वारसा, आइएएनएस। क्या आप बिना फोन के एक पूरा दिन बिताने की कल्पना कर सकते हैं... शायद नहीं। लेकिन पोलैंड वासियों ने रविवार को पूरा दिन बिना फोन के बिताया। जानते हैं क्यों, क्योंकि वहां लोगों को वास्तविक दुनिया से परिचित कराने और फोन पर संदेशों के आदान-प्रदान की जगह आमने-सामने बैठकर रिश्तेदारों व दोस्तों से बात करने का मौका देने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है - 'डे विदआउट सेल फोन'। यह अभियान पिछले कई सालों से चलाया जा रहा है और इसमें पोलैंड वासी खूब रुचि दिखा रहे हैं।
एक अध्ययन के मुताबिक, पोलैंड के ज्यादातर युवा क्लासरूम के साथ-साथ खाना खाते और सिनेमा देखते वक्त भी फोन का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से देश में फोनोलिज्म यानी फोन की लत की बीमारी में इजाफा हुआ है। मनोवैज्ञानिक लोगों को इसके प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं।
देश के सांख्यिकी कार्यालय से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल पोलैंड में करीब 92 फीसद लोग मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे। इनमें से 57 फीसद के पास स्मार्टफोन था। यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एग्निस्का कहते हैं, 'मैं फोन के बिना एक पल भी नहीं रह पाता।' अभियान में शामिल विशेषज्ञों के अनुसार फोन की लत से तनाव, ध्यान लगाने में कमी, आंखों का कमजोर होना और पीठ दर्द आदि हो सकता है। कई सड़क हादसों में भी इसकी भूमिका होती है। इसलिए लोगों को इसकी लत के प्रति सचेत करने की जरूरत है।