इस्तांबुल में रूस व यूक्रेन के वार्ताकारों की आमने-सामने की बैठक, थोड़ी कम हुई रिश्तों की तल्खी, कीव और उत्तरी यूक्रेन में हमले कम करेगा रूस
तुर्की के शहर इस्तांबुल में रूस व यूक्रेन के युद्ध को खत्म करने के लिए फिर से शुरू हुई शांति वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच की तल्खी थोड़ी कम हुई है। रूस ने जहां कीव व उत्तरी यूक्रेन क्षेत्र में हमले कम करने का भरोसा दिया।
इस्तांबुल, रायटर। तुर्की के शहर इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए फिर से हुई शांति वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच की तल्खी थोड़ी कम होती दिखी। रूस ने जहां कीव व उत्तरी यूक्रेन क्षेत्र में हमले कम करने का भरोसा दिया, वहीं यूक्रेन ने तटस्थ रहने का प्रस्ताव पेश करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सुरक्षा की गारंटी मांगी। दोनों देशों के वार्ताकारों के बीच 10 मार्च के बाद पहली बार आमने-सामने की बातचीत हुई। हालांकि, इसकी शुरुआत काफी ठंडी थी और दोनों देशों के वार्ताकारों ने हाथ तक नहीं मिलाए। डोलमाबाहस पैलेस में वार्ता की शुरुआत से पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने संघर्ष विराम की अपील की और उम्मीद जताई कि यहीं से रूस व यूक्रेन के नेताओं के बीच बातचीत का मार्ग प्रशस्त होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ताजा हालात पर फ्रांस, जर्मनी, इटली व ब्रिटेन के नेताओं से चर्चा करेंगे।
कीव व चेर्निहिव क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों में व्यापक कमी लाएंगे
रूस के उप रक्षा मंत्री एलेक्जेंडर फोमिन ने संवाददाताओं से कहा, 'आपसी विश्वास बढ़ाने, आगे की वार्ता के लिए माहौल बनाने व स्वीकार्य समझौते पर हस्ताक्षर के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कीव व चेर्निहिव क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों में व्यापक कमी लाने का फैसला किया गया है।' हालांकि, उन्होंने दूसरे क्षेत्रों का जिक्र नहीं किया, जहां जोरदार हमले जारी हैं। फोमिन ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल की मास्को वापसी के बाद रूसी अधिकारी निर्णयों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। रूस के शीर्ष वार्ताकार व्लादिमीर मेडिंस्की ने कहा कि वे यूक्रेन के प्रस्तावों की जांच करेंगे और उसके बारे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सूचित करेंगे।
यूक्रेन ने तटस्थ रहने का दिया प्रस्ताव
एपी के अनुसार, यूक्रेनी सेना ने कहा कि उसने कीव व चेर्निहिव से रूसी सैनिकों को वापस होते देखा है। हालांकि, पेंटागन के प्रवक्ता जान किर्बी ने कहा, 'हमने ऐसा कुछ होते नहीं देखा।' यूक्रेन का प्रस्ताव विस्तृत था, जिसे दोनों पक्षों ने सार्वजनिक किया। यूक्रेनी वार्ताकारों ने कहा कि उनका देश नाटों में शामिल नहीं होने पर सहमत है और वह विदेशी सैनिकों के लिए अड्डे भी उपलब्ध नहीं करवाएगा, लेकिन उसे नाटो जैसी सुरक्षा की गारंटी चाहिए।
यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांगी सुरक्षा की गारंटी
उन्होंने इजरायल व नाटो सदस्य कनाडा, पोलैंड तथा तुर्की को उन देशों के रूप में चिन्हित किया है, जो इस बात की गारंटी दे सकते हैं। इसके अलावा रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी व इटली भी गारंटी दे सकते हैं। वार्ताकारों ने कहा कि प्रस्ताव में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि यूक्रेन के कब्जे वाले क्रीमिया की मान्यता के लिए 15 वर्षो की परामर्श अवधि होगी और इसके लिए पूरी तरह संघर्ष विराम अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि दक्षिणपूर्व डोनबास क्षेत्र को अलग रखा जाएगा, जिस पर रूस व यूक्रेन के नेता वार्ता करेंगे। किसी भी शांति समझौते के लिए यूक्रेन में जनमत संग्रह की जरूरत होगी। रूस डोनबास को अलगाववादियों को सौंपने की मांग करता है।
यूक्रेन के वार्ताकारों ने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की व उनके रूसी समकक्ष पुतिन के बीच वार्ता की भी अपील की। ओलेक्जेंडर चैली ने कहा, 'अगर हम प्रस्तावों के प्रमुख प्रविधानों को समेटने में सफल रहे, तो यूक्रेन खुद को स्थायी रूप से तटस्थ व गैर परमाणु राष्ट्र स्थापित करने में समर्थ होगा।' इस्तांबुल में यह वार्ता ऐसे वक्त में हो रही है, जब यूक्रेनी सेना ने रूस के विजय अभियान को ज्यादातर मोर्चे पर रोक दिया है। यही नहीं, यूक्रेनी सेना जवाबी हमलों के जरिये रूस द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्रों को फिर से हासिल भी कर रही है।
अब तक की सबसे महत्वपूर्ण प्रगति
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने वार्ता समाप्त होने के बाद कहा कि आज तक की चर्चाओं में मौजूदा वार्ता सबसे महत्वपूर्ण प्रगति है। रूस के अपने पड़ोसी पर आक्रमण के बीच अब पांचवें सप्ताह में यूक्रेनी और रूसी वार्ताकारों ने मंगलवार को दो सप्ताह से अधिक समय में पक्षों के बीच पहली आमने-सामने की बैठक की। कावुसोग्लू ने कहा कि तुर्की ने दोनों देशों के समझौते और कुछ मुद्दों पर एक आम समझ पर पहुंचने का स्वागत किया और कहा कि युद्ध जल्द से जल्द समाप्त होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेनी और रूसी विदेश मंत्रियों के बीच बाद की तारीख में 'अधिक कठिन मुद्दों' पर चर्चा होने की उम्मीद थी, यह कहते हुए कि दोनों देशों के नेता बाद में मिलेंगे।
एर्दोगन और पुतिन के बीच बातचीत
रविवार को एक फोन काल में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने इस्तांबुल में अगले दौर की वार्ता आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की। एर्दोगन ने दोहराया कि तुर्की इस प्रक्रिया के दौरान हर संभव तरीके से योगदान देना जारी रखेगा। विशेष रूप से यूक्रेनी और रूसी प्रतिनिधिमंडलों ने अब तक तीन दौर की व्यक्तिगत तौर पर बातचीत की है।