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अफगानिस्‍तान: पाकिस्तान की छद्म युद्ध नीति उजागर, तालिबान का साथ दे रहे हैं पाक‍ में सक्रिय आतंकी संगठन

अफगानिस्‍तान के हेलमंद प्रांत में पाकिस्तान की छद्म युद्ध नीति उजागर हुई है। उसने अलकायदा जैश-ए-मोहम्‍मद और लश्‍कर-एतैयबा से जुड़े लड़कों को सुरक्षित स्‍थान मुहैया कराया है। पाकिस्‍तान में सक्रिय ये आतंकवादी संगठन तालिबान लड़ाकों को सैन्‍य और बम बनाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 02:57 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 02:57 PM (IST)
अफगानिस्‍तान: पाकिस्तान की छद्म युद्ध नीति उजागर, तालिबान का साथ दे रहे हैं पाक‍ में सक्रिय आतंकी संगठन
अफगानिस्‍तान के हेलमंद प्रांत में पाकिस्तान की छद्म युद्ध नीति। फाइल फोटो। स्रोत-दैनिक जागरण

हेलमंद, एजेंसी। अफगानिस्‍तान के हेलमंद प्रांत में पाकिस्तान की छद्म युद्ध नीति उजागर हुई है। टोलो समाचार एजेंसी के अनुसार पाकिस्‍तान स्थित जैश-ए-मोहम्‍मद और लश्‍कर-ए-तैयबा के विदेशी लड़ाके अफगानिस्‍तान में तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। हाल में हेलमंद प्रांत में हुए हमलों से यह बात स्‍पष्‍ट हो गई है कि तालिबान में पाकिस्‍तान में सक्रिय आतंकवादी गुटों का साथ मिल रहा है। टोलो न्यूज ने हेलमंद के प्रांतीय गवर्नर यासीन खान के हवाले से कहा है कि अफगानिस्‍तान में अल कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों की मौजूदगी है। उन्‍होंने कहा है कि इन आतंकवादी संगठनों का तालिबान का साथ मिल रहा है।

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तालिबान ने आतंकी संगठनों को सुरक्ष‍ित मुहैया कराया

हेलमंद के प्रांतीय गवर्नर के अनुसार तालिबान ने अलकायदा, जैश-ए-मोहम्‍मद और लश्‍कर-एतैयबा से जुड़े लड़कों को सुरक्षित स्‍थान मुहैया कराया है। पाकिस्‍तान में सक्रिय ये आतंकवादी संगठन तालिबान लड़ाकों को सैन्‍य और बम बनाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उनका दावा है कि पूरे मध्‍य एशिया में इन आतंकी संगठनों की मौजूदगी है। समाचार चैनल के अनुसार तालिबान ने हेलमंद प्रांत के ग्रेशक, नवा, नाहर-ए-सरज, नाद-ए-अली और लश्करगाह शहरों पर एक साथ हमला किया है।

हेलमंद प्रांत में दुनिया की 75 फीसद अफीम

हेलमंद अफगानिस्‍तान का एक प्रांत है, जो देश के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है। हेलमंद के लगभग 90 फीसद लोग पश्तून समुदाय के हैं। इस प्रान्त की राजधानी लश्कर गाह शहर है। हालांकि यह इलाका रेगिस्तानी है, लेकिन हेलमंद नदी यहां से निकलती है। इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अफीद की पैदावार होती है। यह अफीम का बहुत बड़ा केंद्र है। दुनिया की 75 फीसद अफीम यहां पैदा होती है।

पाकिस्‍तान की कथनी और करनी में फर्क

अफगानिस्‍तान सरकार का कहना है कि पाकिस्‍तान की कथनी और करनी में फर्क आया है। अफगानिस्‍तान में शांति के लिए पाकिस्‍तान एक तरफ दोहा सम्‍मेलन में हिस्‍सा ले रहा है, वहीं दूसरी ओर वह अफगानिस्‍तान में तालिबान को अपना समर्थन दे रहा है। पाकिस्‍तान के इस कदम से साफ है कि वह अफगानिस्‍तान में छद्म युद्ध की रणनीति अपना रहा है, ताकि वह यहां के स्‍थानीय राजनीति में अहम भूमिका निभा सके।

हमलों पर ब्रिटेन के दूतावास ने चिंता जताई

 इधर हेलमंद में हमलों पर ब्रिटेन के दूतावास ने चिंता जताते हुए कहा है कि यहां पर नागरिकों में दहशत है और लोग पलायन कर रहे हैं। नाटो ने दोहा में चल रही वार्ता से उम्मीद जताई है। तालिबानी प्रतिनिधि ने भी दोहा में चल रही वार्ता पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि कुछ सार्थक परिणाम निकल सकते हैं। हेलमंद में फैली हिंसा ने हजारों अफगान नागरिकों को महिलाओं और बच्चों सहित अपने घर छोड़ने, घायल होने या कई लोगों को मारे जाने के लिए मजबूर किया है। बता दें कि अफगानिस्तान में तमाम कोशिशों के बाद भी तालिबानी हमलों पर रोक नहीं लग पा रही है। दोहा में चल रही वार्ता में भी अभी कोई नतीजा नहीं निकला है।


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