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पाक मंत्री ने इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ नाजी संबंधी बयान लिया वापस, फ्रांस सरकार ने जताई थी कड़ी आपत्ति

विगत शनिवार पाकिस्तान की मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन माजरी ने ट्वीट करके कहा था कि मैक्रों मुसलमानों के साथ वही कर रहे हैं जो नाजियों ने यहूदियों के साथ किया था। मुसलमान बच्चों को आइडी मिलेगा। अन्य बच्चों को नहीं दिया जाएगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 10:55 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 10:55 PM (IST)
पाक मंत्री ने इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ नाजी संबंधी बयान लिया वापस, फ्रांस सरकार ने जताई थी कड़ी आपत्ति
पाकिस्तान के मानवाधिकार मामलों की मंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की फाइल फोटो

पेरिस, एजेंसियां। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ पाकिस्तान के आपत्तिजनक बयान पर फ्रांसीसी सरकार ने सख्त एतराज जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। इसके बाद, पाकिस्तानी मंत्री ने मैक्रों के मुसलमानों के साथ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों के जैसा बर्ताव करने के ट्वीट को हटा लिया है।

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विगत शनिवार पाकिस्तान की मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन माजरी ने ट्वीट करके कहा था कि मैक्रों मुसलमानों के साथ वही कर रहे हैं जो नाजियों ने यहूदियों के साथ किया था। मुसलमान बच्चों को आइडी मिलेगा। अन्य बच्चों को नहीं दिया जाएगा। यह ठीक वैसा ही जैसे पहचान करने के लिए यहूदियों को अपने कपड़ों पर पीले रंग का सितारा पहनने के लिए विवश किया जाता था।

पाकिस्तानी मंत्री का बयान में नफरत और हिंसा से प्रेरित: फ्रांस

पाकिस्तानी मंत्री के इस ट्वीट से नाराज फ्रांस के यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री ने बयान जारी करके माजरी के आपत्तिजनक बयान को वापस लेने को कहा था। बयान में कहा गया कि पाकिस्तानी कैबिनेट की एक सदस्य के विचारों को सोशल मीडिया पर जताते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ अपमानजनक, स्तब्धकारी और बेबुनियाद टिप्पणी की गई है। राष्ट्रपति मैक्रों और फ्रांस के खिलाफ नासिर्फ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया बल्कि इन बातों में जरा भी सच्चाई नहीं है। पाकिस्तानी मंत्री के बयान में नफरत और हिंसा से प्रेरित बातें हैं। जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद ऐसी ओछी टिप्पणी की गई है। हम इसे पूरी सख्ती से खारिज करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमने तत्काल पेरिस में नियुक्त पाकिस्तानी प्रभारी को इस बारे में तलब किया है।

नीस शहर की एक चर्च में हुआ था हमला

बता दें कि पिछले महीन दक्षिणी शहर नीस की एक चर्च में हुए आतंकी हमले में तीन नागरिकों की मौत हो गई थी। यह हमला इस्लामी कट्टरपंथ के चलते हुआ था। जिसके बाद फ्रांस के प्रधानमंत्री कास्टेक्स ने कहा था कि उनकी सरकार इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ हमेशा लड़ती रहेगी।


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