आक्सीजन थेरेपी से अल्जाइमर की गंभीरता पर लग सकता है ब्रेक, जानिए और क्या कहता है यह शोध
Alzheimer Disease इजरायल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दर्शाया है कि अल्जाइमर रोग के लक्षण के रूप में मस्तिष्क में उभरने वाली एक खास परत के निर्माण को आक्सीजन थेरेपी से रोका जा सकता है।
तेल अवीव, आइएएनएस। अल्जाइमर की रोकथाम की दिशा में एक अहम जानकारी सामने आई है। इजरायल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दर्शाया है कि अल्जाइमर रोग के लक्षण के रूप में मस्तिष्क में उभरने वाली एक खास परत के निर्माण को आक्सीजन थेरेपी से रोका जा सकता है। विज्ञानियों ने अपने प्रयोग में पाया है कि यदि शुद्ध आक्सीजन को एक चैंबर के जरिये दबाव के साथ सांस के जरिये लिया जाए तो इससे दिमाग के फंक्शन में तेजी आती है। टाइम्स आफ इजरायल की एक रिपोर्ट के अनुसार, पशुओं में पाया गया है कि आक्सीजन थेरेपी प्लैक (परत) निर्माण को रोकने में मददगार साबित होती है।
शोध के मुख्य लेखक प्रोफेसर उरी ऐशरी ने कहा, मैं यह तो नहीं मानता कि यह अल्जाइमर का निदान हो सकता है, लेकिन रोग की गंभीरता को बहुत हद तक धीमा करने में सक्षम है। इस दिशा में अभी और शोध किए जाने की जरूरत है, लेकिन संभव है कि कुछेक वर्षो में ही लोगों को इस थेरेपी से लाभ मिलना शुरू हो जाए।
प्रयोग में आनुवंशिक रूप से संशोधित 15 जीन के प्रतिरूप को शामिल किया गया
प्रयोग के दौरान अल्जाइमर रोग में तंत्रिका को होने वाले नुकसान सरीखे आनुवंशिक रूप से संशोधित 15 जीन के प्रतिरूप को शामिल किया गया। इन पर आक्सीजन थेरेपी से पाया गया कि मस्तिष्क में ऐमिलाइड के निर्माण पर रोकथाम तो लगती है और इसके साथ ही पहले से मौजूद ऐमिलाइड की परत को भी हटाता है। ऐमिलाइड एक प्रकार का नहीं घुलने वाला प्रोटीन होता है और माना जाता है कि यह अल्जाइमर रोग में तंत्रिकाओं को होने वाले नुकसान की गंभीरता को बढ़ाता है।
ऐशरी ने बताया कि उनके पास उसी प्रकार के एक कंट्रोल ग्रुप वाले चूहे भी थे, जिन्हें आक्सीजन थेरेपी नहीं दी और उनमें कहीं ज्यादा ऐमिलाइड की परत पाई गई है।