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नार्वे में हमलावर ने तीर-धनुष से पांच लोगों को मार डाला, आतंकी हमले का शक, कट्टरपंथी के तौर पर चिह्नित था संदिग्‍ध

नार्वे के छोटे कस्बे में तीर कमान से हमला करने के आरोप में हिरासत में लिए गए डेनमार्क के संदिग्‍ध को इससे पहले कट्टरपंथी के तौर चिह्नित किया गया था। पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि हमलावर ने अपना धर्मपरिवर्तन भी किया था।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 04:50 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 05:27 PM (IST)
नार्वे में हमलावर ने तीर-धनुष से पांच लोगों को मार डाला, आतंकी हमले का शक, कट्टरपंथी के तौर पर चिह्नित था संदिग्‍ध
नार्वे में तीर कमान से हमला करने वाले को इससे पहले कट्टरपंथी के तौर चिह्नित किया गया था।

कोपेनहेगन, एपी। नार्वे के कोंसबर्ग में एक हमलावर ने बुधवार को खरीदारी कर रहे लोगों पर तीर-धनुष से हमला कर दिया। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस को संदेह है कि हमलावर मुस्लिम पंथ को अपनाने के बाद कट्टरपंथी बन गया था। पुलिस प्रमुख ओले बी सावेरुड ने संवाददाताओं को बताया कि पहले भी इस संदिग्‍ध के कट्टरपंथी होने को लेकर चिंता जताई गई थी। वहीं नार्वे की सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि यह आतंकी हमला प्रतीत होता है।

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राजधानी ओस्लो के करीब स्थित 26 हजार की आबादी वाले कोंसबर्ग के पुलिस प्रमुख ने बताया कि हमलावर से पुलिस की झड़प भी हुई। हालांकि, उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी। पुलिस ने बताया कि दोनों घायलों की हालत गंभीर है और वे आइसीयू में भर्ती हैं। घायलों में से एक पुलिस कर्मी है, जो ड्यूटी समाप्त होने के बाद दुकान में खरीदारी कर रहा था।

पुलिस प्रमुख ओएविंग आस ने कहा, 'वारदात शाम 6.15 बजे हुई और हमलावर को 30 मिनट बाद गिरफ्तार कर लिया गया। हमें जानकारी मिली है कि इस हमले को सिर्फ एक व्यक्ति ने अंजाम दिया है।' संदेह है कि आरोपित ने कई अन्य स्थानों पर भी लोगों पर हमले किए हैं। हालांकि, पुलिस ने उससे पूछताछ फिलहाल नहीं की है। डेनमार्क निवासी हमलावर कोंसबर्ग में रह रहा था और पुलिस को संदेह है कि वह कट्टरपंथियों के संपर्क में था।

कार्यवाहक प्रधानमंत्री एरना सोलबर्ग ने वारदात को विभत्स करार देते हुए कहा कि इसके उद्देश्यों का अनुमान लगाना फिलहाल जल्दबाजी होगी। भावी प्रधानमंत्री जोनास जी. स्टोएरे ने घटना को क्रूर व नृशंस करार दिया है। सामान्यतौर पर नार्वे में सामूहिक हत्याएं नहीं होती हैं। 22 जुलाई, 2011 को आंद्रेस ब्रेविक ने ओस्लो में देश के सबसे भयानक आतंकी हमले को अंजाम दिया था। बम से हुए हमले में आठ लोग मारे गए थे। उसे 21 साल की सजा हुई है।


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