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Demilitarized Zone पर ट्रंप-किम के बीच handshake meeting, जानें इसके मायने

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की सीमा पर स्थित डिमिलिट्राइज जोन आज दुनियाभर की मीडिया की सुर्खियां बन गया। वजह थी किम-ट्रंप की मुलाकात।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 30 Jun 2019 10:26 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 08:36 AM (IST)
Demilitarized Zone पर ट्रंप-किम के बीच handshake meeting, जानें इसके मायने
Demilitarized Zone पर ट्रंप-किम के बीच handshake meeting, जानें इसके मायने

सियोल। उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच स्थित डिमिलिट्राइज जोन अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के प्रमुख की मुलाकात से बेहद खास हो गया। इसके अलावा किसी भी अमेरिकी राष्‍ट्रपति के लिए यह पहला मौका था कि उसने दोनों कोरियाई देशों की सीमा पर किसी राष्‍ट्राध्‍यक्ष से मुलाकात की हो। इस लिहाज से भी पानमुनजोन की इस सीमा ने आज इतिहास बनते हुए अपनी आंखों से देखा।

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महज कुछ मिनटों की मुलाकात के लिए और ट्रंप की तरफ से भेजे गए आमत्रण के बाद किम जोंग उन इस सीमा पर आए थे। करीब चार किमी की दूरी तक फैले इस जोन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह दुनिया का सबसे संवेदनशील इलाका है। इस लिहाज से यहां पर दोनों तरफ काफी संख्‍या में जवान तैनात रहते हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि ट्रंप अमेरिका के पहले राष्‍ट्रपति हैं जो पद पर रहते हुए उत्तर कोरिया गए हों। उन्‍होंने इस पर खुशी का इजहार भी किया है।  

यहां पर पहुंचने के साथ ही मीडिया के कैमरे दोनों नेताओं की इस एतिहासिक मुलाकात को कैद करने की होड़ में लगे रहे। मिलिट्री डिमारकेशन लाइन की तरफ पहला कदम ट्रंप ने बढ़ाया। दोनों नेता दो अलग-अलग दिशाओं से आए और फिर हाथ मिलाया। किम और ट्रंप कुछ दूरी तक साथ चले। उत्तर कोरिया की सीमा पर बने फ्रीडम हाउस में इस दौरान दोनों ने कुछ बात भी की।

इसके अलावा दोनों ही नेताओं ने इस मुलाकात को दोस्‍ती की तरफ अहम कदम बताते हुए आगे बढ़ने की वकालत भी की। किम और ट्रंप ने इस दौरान मीडिया को भी संबोधित किया। ट्रंप की निगाह में यह हैंडशेक मुलाकात काफी दिलचस्‍प और रोमांचित कर देने वाली थी। उनका कहना था कि यह उनके लिए बेहद गर्व की बात है कि इतने शॉर्ट नोटिस पर किम ने सकारात्‍मक रवैया दिखाया और मुलाकात के लिए यहां आए। ट्रंप ने इस दिन को उत्तर और दक्षिण कोरिया ने लिए बेहद अहम बताया।   

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन को कोरियाई सीमा पर रविवार को भेंट करने के लिए सार्वजनिक तौर पर न्योता दिया था। हालांकि किम-ट्रंप की मुलाकात के दौरान डीएमजेड जोन पर पत्रकारों की धक्‍का मुक्‍की की वजह से व्‍हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेट्री स्‍टेफनी ग्रिशम को कुछ चोट भी आई। इसके बाद सभी पत्रकारों को फ्रीडम हाउस से बाहर कर दिया गया। ि‍किम और ट्रंप की यह मुलाकात करीब आधा घंटे तक चली। किम को विदा करने के बाद ट्रंप और मून ने प्रेस को भी संबोधित किया और अपने विचार व्‍यक्‍त किए। इसके बाद ट्रंप ने दक्षिण कोरिया में मौजूद अमेरिकी जवानों को भी संबोधित किया। 

इस मुलाकात से पहले ट्रंप दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति मून जे के साथ उत्तर कोरिया से मिलती सीमा जिसको डिमिलिट्राइज जोन कहा जाता है, पहुंचे थे। उन्‍होंने यहां पानमुनजोन पर स्थित दक्षिण कोरिया की आखिरी आउट पोस्‍ट को भी देखा और जाना। 

ट्वीट के जरिये किम को किया आमंत्रित 
गौरतलब है कि जापान के ओसाका शहर में जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद ट्रंप दक्षिण कोरिया रवाना होने से पहले शनिवार को ट्वीट के जरिये किम को आमंत्रित किया था। उन्होंने ट्वीट में कहा था कि वह जापान से दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो रहे हैं। उत्तर कोरिया के चेयरमैन किम अगर इसे देखते हैं तो वह उनसे सीमा पर मिलेंगे। उनका कहना था कि यह मुलाकात केवल दो मिनट की होगी और वह केवल हाथ मिलाएंगे और हेलो कहेंगे।’ उन्‍होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि हम चेयरमैन किम के साथ बैठक कर सकते हैं। किम बेहद ग्राही हैं। हम इसे शिखर सम्मेलन नहीं कहना चाहेंगे। हम इसे हैंडशेक कहेंगे।’ ट्रंप ने पत्रकारों से कहा था कि उन्‍हें शनिवार सुबह अचानक यह विचार आया, जिसके बाद उन्‍होंने कुछ ट्वीट किए।

बेहद खास रही मुलाकात
यह मुलाकात भले ही छोटी हो लेकिन इसके भी खास मायने हैं। खास इसलिए क्‍योंकि हनोई वार्ता विफल होने के बाद कहा जा रहा था कि दोनों देशों के बीच कुछ तनाव बढ़ सकता है। इस दौरान उत्तर कोरिया ने मिसाइल परिक्षण भी किया था। इसके बाद भी अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने न सिर्फ इन तमाम बातों को नजरअंदाज किया बल्कि दोस्‍ती की राह पर आगे बढ़ने का भी फैसला किया। माना ये भी जा रहा है कि इसके जरिए वह कहीं न कहीं पूरे विश्‍व और खासकर वेनेजुएला और ईरान को एक संदेश भी देना चाहते हैं कि वह दुश्‍मनों के साथ भी दोस्‍ती करने से पीछे नहीं हटते हैं। यह बात राष्‍ट्रपति ट्रंप के बयान से भी जाहिर हुई। इसमें उन्‍होंने कहा कि पहले दिन से ही उन्‍होंने किम में संबंध सुधारने और दोस्‍ती सुधारने का जज्‍बा दिखाई दिया था।  

दोनों नेताओं की दो बार हो चुकी है मुलाकात
ट्रंप और किम की गत वर्ष जून में पहली मुलाकात सिंगापुर में हुई थी। इसके बाद उनकी दूसरी शिखर वार्ता वियतनाम में इस साल फरवरी में हुई थी। लेकिन यह वार्ता उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग पर बेनतीजा समाप्त हुई थी। तब से दोनों देशों में परमाणु वार्ता ठहरी हुई है। ट्रंप और और किम के बीच हाल ही में पत्रों का आदान-प्रदान हुआ था।


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