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Nobel Prize 2019: भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी सहित तीन को मिला इकोनॉमिक्स के लिए नोबेल

Nobel Prize 2019इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में 2019 का नोबेल पुरस्कार भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी के अलावा एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को मिला है।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 03:32 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 05:48 PM (IST)
Nobel Prize 2019: भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी सहित तीन को मिला इकोनॉमिक्स के लिए नोबेल
Nobel Prize 2019: भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी सहित तीन को मिला इकोनॉमिक्स के लिए नोबेल

स्टॉकहोम, एएनआइ। Nobel Prize 2019: इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा हो गई है। अर्थशास्त्र का नोबेल इस साल भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी के अलावा एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को मिला है। वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए इन्हें सम्मानित किया गया है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने सोमवार को इसकी घोषणा की। यही एकेडमी हर साल यह पुरस्कार देती है। बता दें कि एस्थर डुफ्लो, अभिजीत की पत्नी हैं। 

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इस पुरस्कार को आधिकारिक तौर पर 'बैंक ऑफ स्वीडन प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमोरी ऑफ अल्फ्रेड नोबेल' के रूप में जाना जाता है, यह पुरस्कार संस्थापक द्वारा नहीं बनाया गया था, लेकिन इसे नोबेल का हिस्सा माना जाता है। एकेडमी ने अपने बयान में कहा, 'इन्होंने वैश्विक गरीबी से लड़ने के सर्वोत्तम तरीकों को लेकर एक विश्वसनीय और नया दृष्टिकोण पेश किया है।' उन्हें 90 लाख स्वीडिश क्राउन (9लाख 15हजार 300 डालर) मिलेगा।

वैश्विक गरीबी से लड़ने की हमारी क्षमता में काफी सुधार

एक बयान में नोबेल समिति ने कहा, 'इस साल के पुरस्कार विजेताओं द्वारा किए गए शोध से वैश्विक गरीबी से लड़ने की हमारी क्षमता में काफी सुधार हुआ है। केवल दो दशकों में, उनके नए प्रयोग-आधारित दृष्टिकोण ने विकास अर्थशास्त्र को बदल दिया है, जो अब अनुसंधान का एक समृद्ध क्षेत्र है।'

कौन हैं अभिजीत बनर्जी

58 वर्षीय बनर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने 1988 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वह वर्तमान में एमआइटी वेबसाइट पर अपनी प्रोफाइल के अनुसार मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं।

2003 में J-PAL की स्थापना

2003 में, बनर्जी ने डुफ्लो और सेंथिल मुलैनाथन के साथ, अब्दुल लतीफ जमील गरीबी एक्शन लैब (J-PAL) की स्थापना की और वह लैब के निदेशकों में से एक रहे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पद 2015 विकास एजेंडा पर प्रख्यात व्यक्तियों के उच्च-स्तरीय पैनल में भी कार्य किया।

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1969 में पहली बार मिला सम्मान

यह पुरस्कार 1968 में स्वीडिश केंद्रीय बैंक, रिक्सबैंक द्वारा शुरू किया गया था। इसके पहले विजेता को एक साल बाद 1969 में चुना गया था। अब-तक, आर्थिक विज्ञान की क्षेत्र में 81 लोगों को सम्मानित किया जा चुका है। इससे पहले पिछले हफ्ते, छह नोबेल पुरस्कारों को दवा, भौतिकी और रसायन विज्ञान के साथ-साथ दो साहित्य पुरस्कार और प्रतिष्ठित शांति पुरस्कार दिया गया। 


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