चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने से इराक में होगी वोटों की दोबारा गिनती
इराक में मई में आम चुनाव हुआ था। किसी दल को बहुमत नहीं मिलने से इराक सियासी अनिश्चितता के दौर में है।
बगदाद, रायटर। इराक के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने हुए चुनाव के मतों की दोबारा गिनती कराए जाने के कदम को सही ठहराया है। कोर्ट ने गुरुवार को दिए अपने फैसले में कुर्द, विस्थापितों और विदेश में जा बसे इराकी नागरिकों के मतों को रद किए जाने को असंवैधानिक करार दिया है।
इराक में मई में आम चुनाव हुआ था। इसमें प्रभावशाली शिया मौलवी मुक्तदा अल-सद्र के नेतृत्व वाला गठबंधन पहले और इरान समर्थित मिलीशिया के प्रमुख हादी अल अमीरी की पार्टी दूसरे नंबर पर रही। मौजूदा प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी 42 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। किसी दल को बहुमत नहीं मिलने से इराक सियासी अनिश्चितता के दौर में है।
इराकी मीडिया के अनुसार, एक सरकारी रिपोर्ट में चुनावी गड़बड़ी और उल्लंघन के कई गंभीर मामले पाए गए। इसके बाद इस महीने संसद ने मतों की दोबारा गिनती का कानून पारित किया था। चीफ जस्टिस एम अल-महमूद ने अपने फैसले में कहा, 'सुप्रीम फेडरल कोर्ट ने पाया कि संसद के पास चुनावी प्रक्रिया और वोटरों की विश्वसनीयता को बनाए रखने का अधिकार है। उसका फैसला संविधान के खिलाफ नहीं है।'
इस कानून को चुनाव आयुक्त और एक कुर्द पार्टी ने चुनौती दी थी। उनकी दलील थी कि संशोधित कानून संविधान के खिलाफ है क्योंकि इसे एक ऐसी संसद से पारित किया गया है जिसके ज्यादातर सदस्य अपनी सीट बचाने में विफल रहे। लेकिन कोर्ट ने कहा कि मौजूदा संसद का कार्यकाल अभी समाप्त नहीं हुआ है।