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PNS Taimur Warships: चीन निर्मित PNS तैमूर युद्धपोत की बांग्‍लादेश में नो एंट्री, पाक-श्रीलंका के बीच नौसेना का संयुक्‍त अभ्‍यास

बांग्लादेश सरकार द्वारा चटगांव बंदरगाह पर पीएनएस तैमूर को आने की अनुमति देने से इनकार करने के बाद श्रीलंका ने इस युद्ध पोत को कोलंबो बंदरगाह पर आने की अनुमति दी। अब यह नया विवाद पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश के बीच शुरू हो गया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 07:09 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 08:27 PM (IST)
PNS Taimur Warships: चीन निर्मित PNS तैमूर युद्धपोत की बांग्‍लादेश में नो एंट्री, पाक-श्रीलंका के बीच नौसेना का संयुक्‍त अभ्‍यास
PNS Taimur Warships: चीन निर्मित PNS तैमूर युद्धपोत की बांग्‍लोदश में नो एंट्री। एजेंसी।

कोलंबो, एजेंसी। पाकिस्‍तान का नया युद्धपोत पीएनएस तैमूर शुक्रवार को कोलंबों बंदरगाह पर पहुंचने के पूर्व बांग्‍लादेश ने एंट्री देने से मना कर दिया था। बांग्लादेश सरकार द्वारा चटगांव बंदरगाह पर पीएनएस तैमूर को आने की अनुमति देने से इनकार करने के बाद श्रीलंका ने इस युद्ध पोत को कोलंबो बंदरगाह पर आने की अनुमति दी। बता दें कि पाकिस्‍तान यह जंगी पोत पश्चिमी सागर में श्रीलंकाई नौसेना के साथ एक संयुक्त अभ्यास करेगा। हाल में श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह में चीनी पोत को लेकर भारत ने विरोध जताया था। भारत की आपत्ति के बाद श्रीलंका की नई सरकार ने चीनी युद्धपोत को हबंनटोटा पोर्ट पर आने से रोक दिया था। अब यह नया विवाद पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश के बीच शुरू हो गया है।

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गौरतलब है कि चीन निर्मित पाकिस्तान का नया युद्धपोत पीएनएस तैमूर शुक्रवार को कोलंबो बंदरगाह पहुंच गया और यह पश्चिमी सागर में श्रीलंकाई नौसेना के साथ एक संयुक्त अभ्यास करेगा। पाकिस्तान युद्धपोत के श्रीलंकाई बंदरगाह पर पहुंचने से कुछ दिन पहले कोलंबो ने बीजिंग से चीनी अनुसंधान पोत युआन वांग 5 की यात्रा टालने का आग्रह किया था।। इस पोत को रणनीतिक महत्व के हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचना था। पाकिस्तानी नौसेना के पोत के 15 अगस्त तक कोलंबो तट पर रहने की उम्मीद है। यह दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग एवं सद्भावना बढ़ाने के लिए श्रीलंकाई नौसेना द्वारा आयोजित किए जाने वाले कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेगा।

 

PNS तैमूर को चीन को अप्रैल 2022 में ही पाकिस्तान को सौंपना था, लेकिन चीन में कोरोना वायरस के बढ़े संक्रमण के कारण इसमें दो महीने की देरी हुई है। बता दें कि नवंबर 2021 में पाकिस्तान ने पहली बार चीन द्वारा बनाए गए युद्धपोत PNS तुगरुल को अपने बेड़े में शामिल किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक PNS तैमूर में एडवांस इलेक्ट्रानिक रडार सिस्टम लगा हुआ है। इस युद्धपोत में भारी मारक और निगरानी क्षमता है। यह युद्धपोत एंटी-एयर, एंटी-सरफेस और एंटी-सबमरीन ऑपरेशंस को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकता है। बता दें कि पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान और चीन के बीच सुरक्षा संबंध बेहद मजबूत हुए हैं। चीन एशिया में भारत को कंट्रोल करने के लिए पाकिस्तान का सहारा ले रहा है और उसे सैन्य तरीके से मजबूत करने में मदद कर रहा है।

हंबनटोटा पोर्ट पर चीनी पोत को लेकर अड़ा भारत

हाल में श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट को लेकर एक बार फ‍िर भारत-श्रीलंका और चीन के बीच मतभेद बढ़ गया था। चीन ने रिसर्च पोत यूआन वांग 5 के हंबनटोटा पोर्ट पर आने को लेकर भारत की आपत्ति को खारिज कर दिया था। हालांकि, श्रीलंका सरकार ने भारत के विरोधी रुख को देखते हुए चीनी पोर्ट को बीच में ही रोक दिया, इससे यह मामला शांत हो गया। रिफिनिटिव के शिपिंग डेटा के मुताबिक यह पोत 11 अगस्त को हंबनटोटा पहुंचना था। भारत को आशंका है कि चीन इस हंबनटोटा पोर्ट का इस्तेमाल सैन्य गतिविधियों के लिए कर सकता है। भारत को यह चिंता तब से है, जब हंबनटोटा पोर्ट को श्रीलंका ने कर्ज नहीं चुका पाने के बदले 99 साल के लिए गिरवी रख दिया था। बता दें कि 1.5 अरब डालर का हंबनटोटा पोर्ट एशिया और यूरोप के मुख्य शिपिंग मार्ग के पास है। श्रीलंका के लिए चीन सबसे बड़े कर्जदाता देशों में से एक है। चीन ने श्रीलंका में भारत की मौजूदगी कम करने के लिए रोड, रेल और एयरपोर्ट में भारी निवेश किया है।


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