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उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री पहुंचे स्वीडन, किम-ट्रंप के बीच मुलाकात पर बन रही रणनीति

उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री के स्वीडन दौरे से ये अटकलें लगाई जा रही है कि स्टॉकहोम में ही किम और ट्रम्प के बीच महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

By Srishti VermaEdited By: Published: Fri, 16 Mar 2018 02:44 PM (IST)Updated: Fri, 16 Mar 2018 02:44 PM (IST)
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री पहुंचे स्वीडन, किम-ट्रंप के बीच मुलाकात पर बन रही रणनीति
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री पहुंचे स्वीडन, किम-ट्रंप के बीच मुलाकात पर बन रही रणनीति

स्टॉकहोम (आइएएनएस)। उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री रि योंग हो अचानक से स्वीडन के दौरे पर गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जब से यूएस प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने किम जोंग उन के साथ मुलाकात की इच्छा जताई है तब से प्योंगयांग का यह पहला रणनीतिक कदम है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, री गुरुवार रात स्वीडिश विदेश मंत्रालय में पहुंचे। मालूम हो कि स्वीडन का दूतावास उत्तरी कोरिया की राजधानी में अमेरिकी हितों का प्रतिनिधित्व करता है।

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उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री के स्वीडन दौरे से ये अटकलें लगाई जा रही है कि स्टॉकहोम में ही किम और ट्रम्प के बीच महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। स्वीडिश सरकार ने कहा कि री और उनके स्वीडिश समतुल्य मार्गोट वॉलस्ट्रम के बीच वार्ता, "अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा के रूप में स्वीडन की परस्पर जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।"

कोरियाई प्रायद्वीप की सुरक्षा स्थिति भी एजेंडे में है। बताया जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण स्वीकार करने के बाद प्योंगयांग ने दोनों नेताओं के बीच फेस-टू-फेस मुलाकात किये जाने पर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन राजनयिक सूत्रों ने दक्षिण कोरिया के शब्दों और कार्यों में पर्याप्त आत्मविश्वास को संकेत दिया है। एक यूरोपीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्ष निर्ज डेवा ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि उनका समूह पिछले तीन सालों से शांति वार्ता के लिए उत्तर कोरिया के वरिष्ठ सदस्यों के साथ शांतिपूर्ण बैठक कर रही है।"

डेवा ने कहा, "हम 14 मौकों पर वरिष्ठ उत्तर कोरिया के साथ गुप्त रुप से मुलाकात कर चुके हैं। हमने उनकी चिंताओं को समझा और उन्होंने हमारी समझी। स्वीडन उन गैर-कम्युनिस्ट देशों में से एक है जिसने 1973 में उत्तर कोरिया के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किया था। इसके तुरंत बाद ही इसने वहां अपने राजनयिक नियुक्त कर दिए थे। 


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