Move to Jagran APP

Sri Lanka Crisis: गंभीर आर्थिक संकट के समाधान के लिए नए पीएम विक्रमसिंघे ने विपक्षी नेताओं को हाथ मिलाने का दिया न्योता

श्रीलंका की सबसे पुरानी पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के 73 वर्षीय नेता रानिल विक्रमसिंघे चार बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। पीएम बनने के बाद उन्होंने देश की डमाडोल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विपक्षी दल के नेताओं का सहयोग मांगा है।

By Ashisha RajputEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 04:38 PM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 10:22 PM (IST)
Sri Lanka Crisis: गंभीर आर्थिक संकट के समाधान के लिए नए पीएम विक्रमसिंघे ने विपक्षी नेताओं को हाथ मिलाने का दिया न्योता
‌प्रधान मंत्री ने विपक्ष के नेता से सकारात्मक और त्वरित प्रतिक्रिया की भी मांग की है

कोलंबो, पीटीआइ।‌ श्रीलंका की आर्थिक और राजनीतिक बदहाली के बीच देश के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को नियुक्त किया गया है। श्रीलंका के अभूतपूर्व आर्थिक संकट को खत्म करने के लिए नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने मुख्य विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया (एसजेबी) के नेता को दलगत राजनीति छोड़ साझा सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया है। विक्रमसिंघे ने शनिवार को सरकार में चार मंत्रियों को शामिल किया। जीएल पीरिस को फिर से विदेश मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि दिनेश गुणवर्धने को लोक प्रशासन, प्रसन्ना रणतुंगा को शहरी विकास व कंचना विजशेखर को ऊर्जा मंत्री बनाया गया है। चारों श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के नेता हैं।

loksabha election banner

पहली बार कैबिनेट का विस्तार राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की तरफ से सर्वदलीय अंतरिम सरकार की घोषणा के बाद पहली बार कैबिनेट का विस्तार किया गया है। विक्रमसिंघे की कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 20 तक सीमित रह सकती है। इस बीच, एसएलपीपी ने संसद में महज एक सीट रखने वाले विक्रमसिंघे को समर्थन देने का फैसला किया है, ताकि वह बहुमत साबित कर सकें। गत दिनों हिंसा के कारण पैदा हुए तनावपूर्ण हालात की समीक्षा के बाद कफ्र्यू में सुबह छह से शाम छह बजे तक ढील दी गई, ताकि लोग रोजमर्रा की चीजें खरीद सकें।

आपको मालूम हो कि हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद बीते सोमवार को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अपनी आजादी के बाद सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में सब कुछ तितर-बितर हो गया। ऐसे में पीएम विक्रमसिंघे पर बड़ी जिम्मेदारी है।‌ पीएम बनने के बाद उन्होंने शनिवार को मुख्य विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया (एसजेबी) के नेता से आग्रह किया है, जिसमें पीएम ने कहा कि वे पार्टी पालिटिक्स को छोड़ दें और उनके साथ हाथ मिलाकर ज्वलंत मुद्दों को सुलझाने और स्थिर करने के लिए एक गैर-पक्षपातपूर्ण सरकार बनाएं।

पीएम विक्रमसिंघे ने लिखा पत्र

एक आनलाइन समाचार पोर्टल डेली मिरर ने बताया कि 73 वर्षीय यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के नेता रानिल विक्रमसिंघे, जिन्हें गुरुवार को श्रीलंका के 26 वें प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, ने एसजेबी नेता साजिथ प्रेमदासा को एक पत्र लिखा। पत्र में, उन्होंने विक्रमसिंघे ने एसजेबी को लोगों के सामने आने वाले ज्वलंत मुद्दों को तुरंत हल करने और विदेशी सहायता प्राप्त करके देश को आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से स्थिर करने के लिए उनके द्वारा किए गए संयुक्त प्रयास का समर्थन करने के लिए आमंत्रित किया है।

वहीं एक अन्य आनलाइन समाचार पोर्टल हीरू न्यूज के अनुसार, पीएम विक्रमसिंघे ने उनसे दलगत राजनीति को छोड़कर एक गैर-पक्षपाती सरकार बनाने का आग्रह किया जो पारंपरिक राजनीति से कहीं परे हो।

पीएम ने की नेताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया की मांग

पीएम रानिल विक्रमसिंघे को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता है जो दूरगामी नीतियों के जरिये अर्थव्यवस्था को संभाल सकता है, जिस कड़ी में आगे बढ़ते हुए उन्होंने अपना पहला कदम उठाया है। ‌प्रधान मंत्री ने विपक्ष के नेता से सकारात्मक और त्वरित प्रतिक्रिया की भी मांग की है, क्योंकि देश का भविष्य दिन-ब-दिन गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो चुकी है। देश भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.