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Israel politics: नेतन्याहू के मुख्य प्रतिद्वंद्वी गेंट्ज ने जताई पीएम बनने की इच्छा

नेतन्याहू की अपील के बाद गेंट्स ने खुद को देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि वह व्यापक उदार और एकजुट सरकार का नेतृत्व करना चाहते हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 07:40 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 07:40 AM (IST)
Israel politics: नेतन्याहू के मुख्य प्रतिद्वंद्वी गेंट्ज ने जताई पीएम बनने की इच्छा
Israel politics: नेतन्याहू के मुख्य प्रतिद्वंद्वी गेंट्ज ने जताई पीएम बनने की इच्छा

यरुशलम, प्रेट्र। इजरायल में महज पांच महीने के अंदर दूसरी बार हुए संसदीय चुनाव में भी बहुमत नहीं मिलने पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सरकार बनाने के लिए मुख्य प्रतिद्वंद्वी बेनी गेंट्ज की ओर हाथ बढ़ाया है। लिकुड पार्टी के नेता नेतन्याहू ने तीसरा चुनाव टालने के लिए ब्लू एंड ह्वाइट पार्टी के नेता गेंट्स से साझा सरकार बनाने की अपील की। नेतन्याहू की अपील के बाद गेंट्स ने खुद को देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि वह व्यापक, उदार और एकजुट सरकार का नेतृत्व करना चाहते हैं।

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इजरायल की 120 सदस्यीय संसद के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला। गुरुवार तक 95 प्रतिशत मतों की गिनती में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के खाते में 32 और ब्लू एंड ह्वाइट पार्टी के हिस्से में 33 सीटें आई हैं। इन नतीजों से नेतन्याहू के पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों को झटका लगा है। यरुशलम पोस्ट अखबार से बातचीत में नेतन्याहू ने कहा, 'मैंने चुनाव प्रचार के दौरान दक्षिणपंथी सरकार के गठन की अपील की थी।

अफसोस की बात है कि चुनाव नतीजों से यह संभव नहीं दिख रहा। यथासंभव साझा सरकार बननी चाहिए। इसलिए मैं बेनी गेंट्ज से अपील करता हूं कि साझा सरकार बनाना हम पर निर्भर है। राष्ट्र हमसे उम्मीद करता है कि हम दोनों मिलकर साथ काम करें।' नेतन्याहू ने यह भी कहा, 'हमारे पास तीसरी बार चुनाव कराने का कोई कारण नहीं है। मैं इसका विरोध करता हूं।'

पिछले चुनाव में भी नहीं मिला था बहुमत

इजरायल में गत अप्रैल में हुए संसदीय चुनाव में लिकुड पार्टी को सबसे ज्यादा 36 सीटें मिली थीं। जबकि ब्लू एंड ह्वाइट पार्टी के खाते में 35 सीटें आई थीं। बाकी सीटों पर अन्य छोटी पार्टियों ने जीत दर्ज की थी। नेतन्याहू तब गठबंधन सरकार बनाने में विफल रहे थे। इसकी वजह से संसद भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने का एलान किया गया था।

तय समयसीमा में बनानी होती है सरकार

इजरायल की संवैधानिक व्यवस्था के तहत चुनाव होने के 50 दिन के अंदर नई सरकार का गठन हो जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर संसद भंग कर दी जाती है और नए सिरे से चुनाव कराने का प्रावधान है।

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