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Nepal PM India Visit: चार दिवसीय दौरे पर भारत आएंगे नेपाली पीएम प्रचंड, कई समझौतों पर लगेगी मुहर

दिसंबर में तीसरी बार पीएम पद संभालने के बाद नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड पहली बार भारत दौरे पर आएंगे। अपने समकक्ष पीएम नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर प्रचंड चार दिवसीय दौरे पर भारत आएंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते भी हो सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariSat, 27 May 2023 11:43 AM (IST)
Nepal PM India Visit: चार दिवसीय दौरे पर भारत आएंगे नेपाली पीएम प्रचंड, कई समझौतों पर लगेगी मुहर
31 मई को चार दिवसीय दौरे पर भारत आएंगे नेपाली पीएम प्रचंड

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' चार दिवसीय दौरे पर भारत आएंगे। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर प्रचंड 30 मई से 3 जून तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई है।

— ANI (@ANI) May 27, 2023

तीसरी बार पीएम बनने के बाद पहला दौरा

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड 30 मई को पीएम मोदी के निमंत्रण पर भारत आएंगे। दिसंबर 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद नेपाल के पीएम की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा होगी।  विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएंगे।

तीन बार टल चुका भारत दौरा

आपको बता दें, नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड का भारत दौरा इससे पहले तीन बार टल चुका है। जानकारी के मुताबिक, प्रचंड' ने इस यात्रा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "इस बार मैं इस विश्वास के साथ भारत की यात्रा कर रहा हूं कि एक नया इतिहास रचा जाएगा। नेपाल और भारत दोनों के लिए यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाने का अवसर प्रदान करेगी।"

कई समझौते पर हो सकते हैं हस्ताक्षर

प्रचंड के यह भारत दौरा काफी अहम साबित हो सकता है। दरअसल, इस दौरे पर दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर विचार किया जा सकता है। इसमें से एक डिजिटल भुगतान का समझौता होगा, जिसके जरिए ई-वॉलेट का उपयोग करके सीमा पार भुगतान किया जा सकेगा। इसके अलावा, दारचुला जिलों और कंचनपुर में महाकाली नदी के पार पुलों का निर्माण पर भी समझौता होगा।

कानून संबंधी संधि पर होगा विचार

द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच आपराधिक मामलों में आपसी कानूनी सहायता संधि (MLAT) पर चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही, ट्रांजिट पावर ट्रेड को लेकर भी बातचीत हो सकती है, जिसके लिए नेपाल और बांग्लादेश लगातार भारत पर दबाव बना रहा है।