Nepal Political Crisis: प्रचंड बोले- पार्टी को कमजोर करने का प्रयास लोगों के पक्ष में नहीं होगा
नेपाल में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने रविवार को कहा कि पार्टी को कमजोर करने का प्रयास लोगों के पक्ष में नहीं होगा।
काठमांडू, पीटीआइ। नेपाल में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने रविवार को कहा कि पार्टी की एकता को कमजोर करने का कोई भी प्रयास लोगों के पक्ष में नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे कोरोना वायरस महामारी और प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ लड़ाई प्रभावित होगी।
जिला आपदा प्रबंधन समिति चितवन की एक बैठक को संबोधित करते हुए प्रचंड ने कहा कि राजनीतिक गतिविधियों से कोरोना संकट और प्राकृतिक आपदाओं के लिए सरकार की प्रतिक्रिया प्रभावित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों, नागरिकों और मीडिया से कोरोना संकट और प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का आग्रह किया।
प्रचंड समेत नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के नेताओं ने प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा है कि उनकी हालिया भारत विरोधी टिप्पणी 'न तो राजनीतिक रूप से सही है और न ही कूटनीतिक रूप से उचित है।' ओली और प्रचंड ने हाल के दिनों में आधा दर्जन से अधिक बैठकें की हैं, लेकिन दोनों नेताओं के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी है। इस बीच, सत्तारूढ़ दल ओली और प्रचंड के बीच आमने-सामने की वार्ता पर विभाजित है, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुद्दों को टालने से किसी का हित नहीं होगा।
बता दें कि एनसीपी के दो गुट हैं। इनमें से एक का 68 वर्षीय ओली नेतृत्व करते हैं और दूसरे प्रचंड अगुवाई करते हैं। दोनों गुटों में गतिरोध प्रधानमंत्री द्वारा संसद के बजट सत्र को टालने के फैसले के बाद बढ़ गया। ओली की किस्मत का फैसला करने के लिए एनसीपी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की बैठक शुक्रवार को होने वाली थी। लेकिन अंतिम क्षणों में बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 22 लोगों की मौत के बाद इसे रद कर दिया गया। प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के पद से हटने के लिए ओली पर भारी दबाव है। एनसीपी नेता कोरोना महामारी पर सरकार की प्रतिक्रिया और उनकी एकपक्षीय कार्रवाई के कारण नाराज है।