चीन ने नेपाल की जमीन पर कब्जा कर बनाया भवन, सड़कों पर उतरकर लोगों ने जताया विरोध
चीन ने नेपाल की जमीन पर कब्जा करके वहां करीब 9 भवनों का निर्माण कर दिया है। साथ ही वहां नेुपाली लोगों के आने जाने पर रोक लगा दी है। अब काठमांडु में लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
काठमांडु, एजेंसियां। चीन लगातार अपने पड़ोसी देशों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश में रहता है। अब चीन द्वारा नेपाल की भूमि पर कब्जा कर इमारत बना दी है। इसी के वुधवार को काठमांडू स्थित चीनी दूतावास के बाहर युवाओं ने विरोध किया और चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बता दें कि नेपाल के हिम्ला जिले में सीमा स्तम्भ से करीब दो किलो मीटर की दूरी पर नेपाली भूमि पर कब्जा करके चीन के सैनिकों ने 9 भवनों का निर्माण किया है। इतना ही नहीं इस जगह पर नेपाली नागरिकों के जाने पर भी रोक लगा दी गई है।
गौरतलब है कि इस जानकारी के बाहर आने के साथ ही नेपाल सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी के लिए ग्राउंड पर भज दिया था। बता दें कि हुला जिले के मुख्यालय से दो दिन की दूरी पर रहे लाप्चा क्षेत्र में चीन के तरफ से अनाधिकृत तरीके से इमारतें बनाई गई है।
चीन ने दावा करते हुए कहा है कि वो इमारतें जहां बनाई गई हैं वह चीन की ही जमीन में आता है। हालांकि, नेपाल का कहना है कि 11 नवंबर की सीमा स्तंभ ही गायब कर दी गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन ने नेपाली भूमि पर अतिक्रमण करते गुए इन भवनों का निर्माण किया है।
हालांकि, जब नेपाली अधिकारी वहां पहुंचे तर चीन ने इमारत को लेकर बात करने से ही मना कर दिया। चीन के सैन्य अधिकारियों ने बताया कि सीमा संबंधी कोई भी बात सिर्फ सीमा क्षेत्र में ही की जाएगी। वहीं, चीन दूतावास की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि चीन के द्वारा नेपाल की भूमि अतिक्रमण कर इमारज बनाए जाने की खबर झूठी हैं। नेपाल के पास यदि प्रमाण है तो चीन बातचीत करने के लिए तैयार है।
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