Move to Jagran APP

पनडुब्बी में मौजूद नौ सैनिकों को शायद कोरोना वायरस के कहर की भनक भी न हो, जानें क्‍या है पूरा मामला

अटलांटिक महासागर की गहराइयों में गश्त कर रही पनडुब्बियों में सवार विभिन्न देशों के नौ सैनिकों को शायद इसकी भनक भी न हो।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 12:41 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 12:53 AM (IST)
पनडुब्बी में मौजूद नौ सैनिकों को शायद कोरोना वायरस के कहर की भनक भी न हो, जानें क्‍या है पूरा मामला
पनडुब्बी में मौजूद नौ सैनिकों को शायद कोरोना वायरस के कहर की भनक भी न हो, जानें क्‍या है पूरा मामला

ले पेक (फ्रांस), एपी। दुनिया भर में जहां जानलेवा कोरोना के कारण हाहाकार मचा है, वहीं अटलांटिक महासागर की गहराइयों में गश्त कर रही पनडुब्बियों में सवार विभिन्न देशों के नौ सैनिकों को शायद इसकी भनक भी न हो। यह अज्ञानता उनके लिए वरदान से कम नहीं है। वे जब अपने गोपनीय मिशन से वापस लौटेंगे तब तक शायद इस बीमारी पर काबू पा लिया जाये।

loksabha election banner

अधिकारियों व नौसैनिकों को नहीं दी जाती बुरी खबर 

फ्रांस की युद्धक पनडुब्बियों पर तैनात रह चुके अधिकारी ने बताया कि पनडुब्बियां जब गोपनीय सैन्य अभियान पर होती हैं तो उसके अधिकारियों व नौसैनिकों को बुरी खबर नहीं दी जाती। इससे उनका मनोबल प्रभावित होता है। इसलिए जो नौसैनिक इस बीमारी के फैलने से पहले सैन्य अभियान पर निकल चुके होंगे व पूरी तरह इससे अनजान होंगे।

मिशन खत्म कर वापस लौटने से दो दिन पहले बताया जाएगा 

वर्ष 2003 से 2006 तक फ्रांस की युद्धक पनडुब्बी के कमांडर रहे रिटायर्ड एडमिरल डोमिनिक सैल्स ने कहा कि यह तय है कि नौसैनिकों को इसके बारे में कोई सूचना नहीं दी गई होगी। उन्हें अभियान के लिए पूरी तरह तैयार रखना होता है। उन्हें इस बारे में बताया भी जायेगा तो मिशन खत्म कर वापस लौटने से दो दिन पहले। वैसे जो लोग समुद्र में हैं उन्हें इसे बताने की जरूरत भी नहीं है। डोमिनिक सैल्स ने बताया कि जब उनके पिता की मृत्यु हो गई, तो खुद वह एक उप समुद्र में थे, लेकिन जब तक उन्होंने अपना 60-दिवसीय मिशन पूरा नहीं किया, तब तक यह खबर उन्‍हें नहीं दी गई थी।

फ्रांसीसी नौसेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट सीएमडीआर ने ओलिवियर रिबार्ड ने कहा कि क्योंकि यह सुरक्षा और गोपनीयता के बुलबुले में लिपटा हुआ है। यह जानना असंभव है कि चालक दल को इस बारे में सूचित किया गया है  या नहीं। 

लौटने पर बदली हुई दुनिया पाएंगे पनडुब्बी मिशन के नौसैनिक  

फ्रांसीसी पनडुब्बी मिशन 60 से 70 दिनों के लिए गया है। इसमें लगभग 110 चालक दल के सदस्य सवार हैं। एक दल जो फरवरी के अंत में गया था, अप्रैल के अंत से पहले वापस आने की उम्मीद नहीं है। उस स्थिति में जब वे महामारी द्वारा बदली हुई दुनिया में लौटेंगे। 1 मार्च को फ्रांस ने COVID-19 मामलों की सिर्फ 130 और दो मौतों की पुष्टि हुई थी। एक महीने के भीतर मरने वालों की संख्‍या 2,600 और कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्‍या 40,000 से अधिक हो गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.